जयपुर, 19 जनवरी (भाषा) राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि प्रदेशभर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के माध्यम से चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को राजस्व, वन व पर्यावरण, ऊर्जा तथा नगरीय विकास विभाग के अधिकारी शीघ्र निस्तारित करें।
आर्य मंगलवार को राज्य की उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक में एनएचएआई की अमृतसर-जामनगर व दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर तथा प्राधिकरण के माध्यम से चल रही अन्य परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
राज्य में 3,171 किलोमीटर और 46,789 करोड़ रुपये की लागत के करीब 51 राष्ट्रीय राजमार्ग कार्य प्रगति पर है। वहीं राजस्थान में अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे का 11,387 करोड़ रुपये की लागत से 637 किलोमीटर तथा दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का 11,204 करोड़ रुपये की लागत से 374 किलोमीटर लम्बाई में राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण होगा।
आर्य ने हनुमानगढ़ तथा जालोर जिले के जिला कलक्टरों के लिए निर्देश दिए कि वे इन जिलों में अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे से जुड़े भूमि अवाप्ति के लम्बित प्रकरणों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ शीघ्र निस्तारित करें। उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को सिरोही तथा जालोर जिला मुख्यालयों को जोड़ने के लिए एक सीधा राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाने की सम्भावनाएं तलाशने के निर्देश भी दिए।
सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने बताया कि अमृतसर-जामनगर एवं दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर सम्बंधित जिला कलक्टरों से निरंतर संवाद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अवाप्त भूमि की मुआवजा राशि के वितरण, भूमि अवाप्ति तथा वन्य भूमि डायवर्जन सम्बंधित मुद्दों की भी सतत निगरानी जारी है।
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