हाइलाइट्स
- कलेक्ट्रेट तक 7km पैदल चले बच्चे
- बोले- मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं शिक्षक
- कलेक्टर ने प्रिंसिपल और अधीक्षिका को हटाया
- स्कूल तक बस से छोड़ा बच्चों को
सरगुजा। Surguja News: जिले में एक स्कूल के बच्चे अपनी समस्याओं को लेकर 7 किलोमीटर पैदल कर कलेक्ट्रेट पहुंचे। रास्ते में जिम्मेदार अधिकारियों ने रोकने की कोशिश की लेकिन बच्चे नहीं माने और कलेक्ट्रेट पहुंकर, उन्होंने कलेक्टर को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
पूरा ममला जिले के घंघरी एकलव्य स्कूल का है। छोत्रों ने अपनी समस्याएं बताते हुए हॉस्टल में अव्यवस्था, मनमानी और अधीक्षिका पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया। छोत्रों की समस्याएं सुनने के बाद कलेक्टर ने त्वारित स्कूल प्रिंसिपल और हॉस्टल अधीक्षिका को हटाने के आदेश दे दिए।
बच्चें ने कलेक्टर से की शिकायत
छात्रों ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए कहा कि शिक्षक मानसिक रूप से प्रताडित करते हैं। ढंग से पढ़ाई भी नहीं होती है। हॉस्टल में जो खाना मिला है, वह न तो समय पर मिला है और जो मिलता भी है वह घटिया क्वालिटी का दिया जाता है। इसके साथ ही छोत्रों ने स्कूल प्रिंसिपल और हॉस्टल अधीक्षक को हटाने और स्कूल को पेटला में शिफ्ट करने की मांग रखी है।
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रोकने की कोशिश, नहीं माने बच्चे
बच्चों के कलेक्टर से मिलकर समस्या बताने पैदल चलकर आने की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक टीम हरकत में आई। अधिकारियों ने बच्चों को समझाइश दी है कि वे कलेक्टर को स्कूल में बुला रहे हैं, लेकिन बच्चे पैदल ही कलेक्ट्रेट तक पहुंच गए। प्रशासनिक टीम उन्हें फॉलो करते हुए यहां पहुंची।
कालेक्टर ने प्रिंसिपल और अधीक्षिका को हटाया
बच्चों की शिकायत सुनने के बाद कलेक्टर ने एकलव्य स्कूल के प्रिंसिपल और हॉस्टल अधीक्षिका को त्वारित हटाने का आदेश दे दिया है। इसी के साथ ही स्कूल को शिफ्ट करने के लिए कलेक्टर ने अधिकारियों से नए भवन के बारे में जानकारी ली है। इसके साथ ही कलेक्टर ने बच्चों को समझाइश भी दी है।
स्कूल तक बस से छोड़ा बच्चों को
7 किलोमीटर पैदल चलकर अंबिकापुर जिला मुख्यालय पहुंचे बच्चों को कलेक्टर विलास भोस्कर ने स्कूल तक छोड़ने के लिए बस की व्यवस्था की। इसके साथ ही उन्होनें स्कूल की व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए हैं।