Germany: पोलैंड के एक कंसंट्रेशन कैंप में काम करने वाली 97 वर्षीय पूर्व नाजी टाइपिस्ट और स्टेनोग्राफर को होलोकॉस्ट के दौरान 10,505 लोगों की हत्या में शामिल होने का दोषी ठहराया गया है। इरमगार्ड फॉर्चूनर को जर्मनी के इत्जेहो की एक अदालत ने मंगलवार को दो साल की जेल की सजा सुनाई है। दूसरे विश्वयुद्ध के सबसे बड़े गुनहगार एडोल्फ हिटलर के नाजी कैंप में इरमगार्ड फॉर्चूनर टाइपिस्ट के रूप में तैनात थी ।
बता दें कि नाबालिग उम्र में फॉर्चूनर ने नाजी कब्जे वाले पोलैंड में ग्दान्स्क के पास स्टैमथॉफ कैंप में 1943 से 1945 में नाजी शासन के अंत तक काम किया था। चूंकि अपराध के समय महिला नाबालिग थी, इसलिए फॉर्चूनर को सजा के लिए किशोर अदालत में पेश किया गया और उसे जुवेलाइन प्रोवेशन में रखा जाएगा। अपराध के दौरान नाबालिग होने के चलते फॉर्चूनर को सिर्फ दो साल की सजा दी गई है।
पहली बार महिला दोषी
इरमगार्ड फॉर्चूनर नाजी अपराधों के लिए दोषी ठहराई जाने वाली पहली महिला है। इस महीने की शुरुआत में, फॉर्चूनर ने अदालत में अपनी गलती स्वीकारते हुए कहा था कि जो हुआ उसके लिए उसे खेद है। उसे इस बात का खेद है कि वह उस समय शिविर में थी।
बता दें कि जून 1944 के आसपास स्टैमथॉफ कैंप में 65 हजार लोग मारे गए थे। इन लोगों की मौत भूख या फिर बीमारी के कारण हुई थी। कैदियों को मारने के लिए स्टेथोफ कैंप में गैस चैंबर भी बनाए गए थे। इन लोगों में यहूदियों के अलावा गैर यहूदी और सोवियत सैनिक भी शामिल थे। फॉर्चूनर स्टेथोफ शिविर में मरने वालों की डेथ सर्टिफिकेट पर मुहर लगाती थी।