CDS Bipin Rawat Jayanti : आज देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की जयंती है। पद्म विभूषण से सम्मानित बिपिन रावत की पिछेल साल 8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी। हादसे में उनकी पत्नी मधुलिका रावत का भी निधन हो गया था। इस बड़े हादसे में कुल 13 लोग शहीद हुए थे। यह हादसा देश के लिए एक बड़ी क्षति थी।
कौन थे बिपिन रावत?
बिपिन रावत मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे। बिपिन रावत बचपन से ही देश की सेवा करने के लिए सेना में भर्ती होना चाहते थें। बिपिन रावत के परिवार के कई सदस्य सेना में रहें। उनके पिता का नाम लक्ष्मण सिंह राजपूत था, जो लेफ्टिनेंट जनरल से रिटायर हुए थे। उनकी मां उत्तरकाशी विधानसभा से विधायक रहे किशन सिंह परमार की पुत्री थी। बिपिन रावत की शादी मध्यप्रदेश के शहडोल की रहने वाली मधुलिका रावत से हुई थी। रावत की दो बेटियां हैै। जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख का पद संभाला था। इससे पहले वह भारतीय थल सेनाध्यक्ष के पद पर 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक रहे थे।
माचिस की डिब्बी से हुआ था सेना में सेलेक्शन
जनरल बिपिन रावत से जुड़ा एक किस्सा है, जिसे उन्होंने खुद एक इंटरव्यू के दौरान सुनाया था। बिपिन रावत ने बताया था कि UPSC की एक लिखित परीक्षा पास करने के लिए वह इंटरव्यू देने इलाहाबाद गए थे। इलाहबाद में वह करीब 4 से 5 दिन रहें। उस दौरान इंटरव्यू के लिए आए सभी कैंडिडेट एक कमरे के बाहर लाइन लगाकर खड़े थे। बिपिन रावत ने बताया की वह उस समय काफी नर्वस थे, क्योंकि उनके लिए यह पहला मौका था NDA में भर्ती होने का। रावत ने आगे बताया कि इंटरव्यू ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी ले रहे थे। जब मेरी बारी आई तो उन्होंने मुझसे मेरी हॉबी पूछी तो मैने बताया की उन्हें ट्रैकिंग करने का शौक है। मेरे इस जबाव में एक अधिकारी ने मुझे कहा की अगर आपको ट्रैकिंग के लिए भेजा जाए वो भी 4 से 5 दिन के लिए तो आप इस दौरान कौन सा अहम सामान ले जाएंगे? इस पर मैने कहा कि में अपने साथ माचिस रखना पसंद करूंगा।
मेरे जबाव पर एक अधिकारी ने पूछा कि माचिस ही क्यों? तो बिपिन रावत ने कहा कि माचिस से मैं बहुत सारे काम कर सकता हूं? जब आदिकाल में मनुष्य जंगलों में रहा करता था तो उसने सबसे पहले आग की खोज की थी, इसलिए मेरी नजर में मेरे लिए माचिस ही सबसे जरूरी है।
एक दुर्घटना का शिकार हुए थे रावत
जनरल बिपिन रावत एक बार दुर्घटना के शिकार भी हुए थे। इस बारे में कम ही लोगों को पता है। बात साल 2015 की हैं जब वह नागालैंड में पोस्टेड थे। उस दौरान उनका चीता हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। उस हादसे के बाद लोगों को लगा की वह सुरक्षित नहीं बच पाएंगे। लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद लोगों को पता चला की वह हादसे में बाल-बाल बच निकले।