नई दिल्ली। पानी हो या तेल, इन सभी को जो टैंकर एक जगह से दूसरी जगह लाने और ले जाने के काम आते हैं यह कभी बेलनाकार शेप में होते हैं। आपने कभी भी इन्हें चौकोर शेप में नहीं देखा होगा। पानी या तेल छोड़िए घर में हम जिस LPG गैस का उपयोग करते हैं उनके सिलेंडर भी बेलनाकार शेप में होते हैं। मगर आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? टैंकर या सिलेंडर हमेशा गोल ही क्यों होते हैं?
इस कारण बेलनाकार बनाया जाता है
दरअसल, इसके पीछे का कारण प्रेशर है। कंटेनर को गोल या बेलनाकार शेप में बनाने के पीछे प्रेशर ही बड़ी वजह है। होता ये है कि जब किसी लिक्विड या गैस को किसी एक कंटेनर या टैंक में रखा जाता है तो इससे सबसे अधिक दबाव उसके कोनों पर पड़ता है। ऐसे में अगर सिलेंडर चौकोर होगा तो जाहिर सी बात है कि उसके 4 कोने भी होंगे। इससे भीतर बहुत सारा प्रेशर जमा होने का खतरा रहता है।
चौकोर सिलेंडर में बना रहता है ये खतरा
चौकोर सिलेंडर में रिसाव का खतरा या फिर फटने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं बेलनाकार शेप वाले सिलेंडर में पूरे जगह पर एक जैसा दबाव पड़ता है। इसी वजह से सिलेंडर या कंटनेर गोल या बेलनाकार शेप में बनाए जाते हैं। दुनियाभर में अगर आप सिलेंडर या टैंकर के आकार को देखें तो ये बेलनाकार शेप वाला होता है। क्यों कि गैस या लिक्विड को एक जगह से दूसरी जगह इन सिलेंडरों की मदद से आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। बेलनाकार शेप के टैंकर जब किसी वाहन पर लोड किए जाते हैं, तो इससे सेंटर ऑफ ग्रेविटी कम होता है। यह वाहन को स्थिर रखता और किसी भी तरह की दुर्घटना का खतरा नहीं रहता।
ठीक यही नियम उन तमाम चीजों पर लागू होता है, जिनमें गैस या लिक्विड स्टोर किया जाता है। चाहे वो ऑक्सीजन सिलेंडर हो या फिर LPG सिलेंडर। सभी को प्रेशर से बचाने के लिए गोलाकार बनाया जाता है।