अशोकनगर। प्रदेश के अशोकनगर में एक महिला को गैंगरेप का झूठा मामला दर्ज कराना मंहगा पड़ा है। यहां एक महिला ने कुछ लोगों के खिलाफ झूठा गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद मामले की जांच की गई। जब मामले में महिला का डीएनए टेस्ट कराया गया तो आरोप झूठे निकले। इसके साथ ही महिला का साथ देने वाला एक व्यक्ति भी साथ में आरोपी है। डीएनए रिपोर्ट से मामले का खुलासा होने के बाद महिला को 10 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 2 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक 45 वर्षीय महिला ने अगस्त 2014 में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 376 (2) की धारा में मामला कायम कर लिया। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। जब आरोपियों से पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने महिला के आरोपों को झूठा बताया। इसके साथ ही आरोपियों ने कोर्ट के सामने डीएनए टेस्ट कराने की याचिका दायक की। जब महिला का डीएनए टेस्ट कराया गया तो आरोप झूठे निकले।
साथ ही टेस्ट में यह भी निकला कि डीएनए का मिलान महिला के साथ एक अन्य व्यक्ति से मिले थे। व्यक्ति ने भी महिला की मदद की थी। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाया और महिला के आरोप झूठे साबित हुए। कोर्ट ने महिला को झूठा गैंग रेप का केस लगाने के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही महिला और उसके साथ आरोपी को 2-2 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि महिला ने झूठा केस दर्ज कराया था। इसके बाद अब इसी के तहत महिला को 10 साल की सजा सुनाई गई है। मामला साल 2014 का बताया जा रहा है।