नई दिल्ली। आज गणेश जयंती का Ganesh Jayanti 2022 उत्सव मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। माघ चतुर्थी को माघ विनायक चतुर्थी, वरद चतुर्थी और तिलकुंड चतुर्थी भी कहते हैं। आइए हम बताते हैं भगवान गणेश से जुड़ी कुछ खास बातें।
इसलिए चढ़ता है सिंदूर
गणेशी जी को सिंदूर चढ़ाने के पीछे एक कथा प्रचलित है। पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार एक बार भगवान गणेश ने सिंदुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। जिसका रंग भी सिंदूरी था। उसे मारकर भगवान ने अपने शरीर पर रगड़ लिया था। तभी से उन्हें गणेशजी को सिंदूरी रंग चढ़ाया जाने लगा है।
पान चढ़ाने से मिलेगी —
भगवान को पान चढ़ाने के पीछे की भी एक अपनी वजह है। Ganesh Chaturthi 2021 पान को तांबूल भी कहा जाता है। अगर आप समाज और अपने कार्य क्षेत्र में ऐश्वर्य प्राप्त करना चाहते हैं तो भगवान गणेश को पान जरूर चढ़ाएं। ऐसा करना आपके सम्मान में वृद्धि कराएगा।
लौंग से होगा मुख शुद्ध —
ज्योतिषाचार्यों की माने तो भगवान को चढ़ाए जाने वाले नैवेद्यों में लौंग का भी विशेष महत्व है। लौंग चढ़ाने का मुख्य कारण मुख शुद्धि से लिया जाता है।
सुपाड़ी हैं पत्नि रूप की प्रतीक —
भगवान गणेश की दो पत्नि सिद्ध और बुद्धि को माना जाता है और इन्हीं के रूप में भगवान के दोनों ओर दो सुपारियों को स्थापित किया जाता है। गणपति की स्थापना के समय ये विशेष ध्यान रखें। एक तरफ सिद्धि और दूसरी तरफ बुद्धि को स्थापित कर उन्हें वस्त्र रूप में कलावा चढ़ाएं।
इसलिए चढ़ता है केला —
एक बार भगवान शिव द्वारा गणेश जी का वध किए जाने पर उन्हें पुनर्जिवित किया गया था। उस समय उन्हें गज का मुख लगाया गया था। केला गजराज का प्रिय भोजन है इसलिए गणेश भगवान को भी केले का भोग जरूर लगाया जाता है।
पूजन सामग्री —
पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश की प्रतिमा, जल का कलश, पंचामृत, रोली, अक्षत, कलावा, लाल कपड़ा, जनेऊ, गंगाजल, सुपारी, इलाइची, बतासा, नारियल, चांदी का वर्क, लौंग, पान, पंचमेवा, घी, कपूर, धूप, दीपक, पुष्प, भोग का समान।
भगवान गणेश की स्थापना विधि —
ब्रह्म मुहूर्त में उठें। सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करें। श्री गणेश जी का स्मरण करके पूजन की तैयारी करें। वैसे तो लाल रंग के कपड़े इस दिन पहनना चाहिए। फिर भी अपनी राशि अनुसार रंग के वस्त्र पहन सकते हैं। कलश में जल भरकर उसमें सुपारी डालकर उसे कोरे कपड़े से बांधें। पूर्व दिशा में चौकी स्थापित करके उसमें लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। Ganesh chaturthi muhurt 2021 स्थापना से पहले गणपति को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद गंगाजल से स्नान कराकर चौकी पर उन्हें विराजित करें। सिद्धि—बुद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी रखें।
पूजन—विधि
स्थापना के बाद गणपति को फूल से जल अर्पित करें। इसके बाद फिर फूल की सहायता से ही रोली, अक्षत चढ़ाएं। लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूर्बा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची और कोई मिठाई रखकर अर्पित कर दें। नारियल और मोदक अर्पित करके षोडशोपचार विधि से पूजन करें। 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। धूप, दीप और अगरबत्ती से आरती करें।
इन मंत्रों का जाप करें।
1 — वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
2 — ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।
दिन में 3 बार लगाएं भोग
घर में गणपति की स्थापना की है तो दिन में 3 बार भोग जरूर लगाएं। गणपति बप्पा को प्रतिदिन मोदक का भोग जरूर लगाएं। मोतीचूर या बेसन के लड्डू का भी भोग लगा सकते हैं।
नोट : इस लेख में दिए गए तत्व सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। इन पर अमल करने के पहले विशेषज्ञ की सलाह ले लें।