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Ganesh chaturthi muhurt 2021 : डॉक्टर बन कोरोना भगाएंगे गणेशा, श्रीगणेश उत्सव 10 सितंबर से

10 सितंबर से गणेश उत्सव Ganesh chaturthi muhurt 2021  की शुरूआत होने जा रही है।

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Preeti Dwivedi
Ganesh chaturthi muhurt 2021 : डॉक्टर बन कोरोना भगाएंगे गणेशा, श्रीगणेश उत्सव 10 सितंबर से

photo credit : rajesh mishra

नई दिल्ली। 10 सितंबर से गणेश उत्सव Ganesh chaturthi muhurt 2021  की शुरूआत होने जा रही है। जिसे लेकर बाजार सज गए हैं। ​मूर्तिकारों द्वारा प्रतिमाओं को फायनल टच दिया जा रहा है। कोरोना के चलते इस बार रोगों का दूर भगाने का जिम्मा श्रीगणेश ने भी लिया है। ​जी हां इस बार की मूर्तियों में श्रीगणेश की डॉक्टर की प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। घरों में भी भगवान गणेश की प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। आइए जानते हैं इनकी स्थापना का शुभ मुहूर्त व पूजन विधि क्या है।

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इतने दिन चलेगा उत्सव
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। 10 सितंबर से लेकर 19 सितंबर तक यह उत्सव मनाया जायेगा। गणेश उत्सव के पहले दिन घरों और मंदिरों में श्री गणेश जी की स्थापना की जाएगी। पंडित सनत कुमार खम्परिया के अनुसार जानते हैं क्या हैं इसके मुहूर्त।

पूजन सामग्री
पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश की प्रतिमा, जल का कलश, पंचामृत, रोली, अक्षत, कलावा, लाल कपड़ा, जनेऊ, गंगाजल, सुपारी, इलाइची, बतासा, नारियल, चांदी का वर्क, लौंग, पान, पंचमेवा, घी, कपूर, धूप, दीपक, पुष्प, भोग का समान।

भगवान गणेश की स्थापना विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठें। सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करें। श्री गणेश जी का स्मरण करके पूजन की तैयारी करें। वैसे तो लाल रंग के कपड़े इस दिन पहनना चाहिए। फिर भी अपनी राशि अनुसार रंग के वस्त्र पहन सकते हैं। कलश में जल भरकर उसमें सुपारी डालकर उसे कोरे कपड़े से बांधें। पूर्व दिशा में चौकी स्थापित करके उसमें लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। Ganesh chaturthi muhurt 2021 स्थापना से पहले गणपति को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद गंगाजल से स्नान कराकर चौकी पर उन्हें विराजित करें। सिद्धि—बुद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी रखें।

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पूजन—विधि
स्थापना के बाद गणपति को फूल से जल अर्पित करें। इसके बाद फिर फूल की सहायता से ही रोली, अक्षत चढ़ाएं। लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूर्बा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची और कोई मिठाई रखकर अर्पित कर दें। नारियल और मोदक अर्पित करके षोडशोपचार विधि से पूजन करें। 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। धूप, दीप और अगरबत्‍ती से आरती करें।

बाद में इन मंत्रों का जाप करें।

1 — वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

2 — ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।

दिन में 3 बार लगाएं भोग
घर में गणपति की स्थापना की है तो दिन में 3 बार भोग जरूर लगाएं। गणपति बप्पा को प्रतिदिन मोदक का भोग जरूर लगाएं। मोतीचूर या बेसन के लड्डू का भी भोग लगा सकते हैं।

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गणेश जी की स्थापना के मुहूर्त

दिन — शुक्रवार
राहू काल — सुबह 10:30 — 12:00 बजे तक
लाभ और अमृत — सुबह 7:30 — 10:30 बजे तक
शुभ मुहूर्त — दोपहर 12:00 — 1:30

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