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हाइलाइट्स
भारत का पहला अंतरिक्ष मानव 'मिशन गगनयान' 2025 में होगा लॉन्च
पीएम मोदी ने मिशन के लिए 4 एस्ट्रोनॉट के नाम का किया ऐलान
अंतरिक्ष में 2-3 दिन रहने के बाद वापस पृथ्वी पर लौटेंगे एस्ट्रोनॉट
अमेरिका, रूस, चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बनेगा
Gaganyaan Mission: भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान का सफर साइकिल पर रॉकेट ले जाने से शुरू हुआ था, और अब भारत अंतरिक्ष में इंसान भेजने के लिए तैयार है. भारत ने मिशन गगनयान (Gaganyaan Mission) के तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर ली है. पीएम मोदी ने इन चारों अंतरिक्ष के नाम का ऐलान किया और एस्ट्रोनॉट विंग्स पहनाए. इनके नाम प्रशांत नायर, अंगद प्रताप, अजित कृष्णन और शुभांशु शुक्ला हैं.
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भारत का पहला अंतरिक्ष मानव मिशन
गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) को इसरो 2025 में लॉन्च करेगा. इसके तहत 4 एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में 400 किलोमीटर ऊपर धरती की निम्न कक्षा (लोअर ऑर्बिट) में भेजा जाएगा. ये सभी अंतरिक्ष यात्री दो से तीन दिन स्पेस में बिताने के बाद वापस धरती पर आएंगे. उन्हें हिंद महासागर में समुद्र के भीतर उतारा जाएगा.
ये चार अंतरिक्ष यात्री जाएंगे स्पेस
पीएम मोदी ने चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के नाम का ऐलान करते हुए उन्हें एस्ट्रोनॉट विंग्स पहनाए. इस दौरान पीएम ने कहा कि यह भारतीय विज्ञान के लिए बेहद खास पल है.
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एस्ट्रोनॉट प्रशांत नायर
प्रशांत का पूरा नाम प्रशांत बालाकृष्णन नायर है. वे केरल के पलक्कड़ के नेनमारा के रहने वाले हैं. प्रशांत रूस में मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए ट्रेनिंग ले चुके हैं. अब वे भारतीय एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. प्रशात भारत के मिशन गगनयान के तहत अंतरिक्ष में उड़ान भरेंगे.
एस्ट्रोनॉट अजित कृष्णन
एस्ट्रोनॉट अजित कृष्णन वायुसेना में टेस्ट पायलट हैं. वे ग्रुप कैप्टन के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उनका जन्म तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ था. उन्हें 'प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल' और 'सोर्ड ऑफ ऑनर' भी मिल चुका है. इंडियन एयरफोर्स की फाइटर स्ट्रीम में वह 21 जून 2003 से तैनात हैं.
विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला
इसरो के मिशन गगनयान के लिए सिलेक्ट हुए एस्ट्रोनॉट्स में विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला का नाम भी शामिल है. यूपी की राजधानी लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला नेशनल डिफेंस अकेडमी (NDA) से ग्रैजुएट हैं.उन्होंने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग हासिल की है. फिलहाल वे विंग कमांडर के रुप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
अंगद प्रताप
यूपी के ही अंगद प्रताप को भी मिशन गगनयान के लिए चुना गया है. वे प्रयागराज के रहने वाले हैं. इंडियन एयरफोर्स में 18 दिसंबर 2004 से वे तैनात हैं. अंगद प्रताप फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी हैं.
खास सूची में शामिल होगा भारत
इसरो के गगनयान मिशन के सफल होते ही भारत उन देशों की खास सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने खुद चालक दल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है. वर्तमान में ये मुकाम केवल अमेरिका, रूस और चीन के नाम है. बता दें अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय नागरिक राकेश शर्मा थे. लेकिन वे भारत और रूस के संयुक्त मिशन में अंतरिक्ष गए थे. यह पहली बार है जब भारत अपने निजी मिशन गगनयान के तहत अंतरिक्ष में इंसान को भेजेगा. इस मिशन के लिए चारों अंतरिक्ष यात्रियों को कठिन ट्रेनिंग दी जा रही है. ये सभी पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊंचाई पर अंतरिक्ष में रहेंगे.
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