नई दिल्ली। अच्छे फ्यूचर के लिए सभी लोग सेविंग्स करना चाहते हैं। लेकिन जब सैलरी आती है तो सारे पैसे खर्च में ही चले जाते हैं। ऐसे में हम सेविंग्स को आगे के लिए टालते जाते हैं। हालांकि फाइनेंशियल प्लानर्स की माने तो अगर आप वाकई में अपना फ्यूचर फाइनेंशियली सिक्योर करना चाहते हैं तो पहले सेविंग और बाद में खर्चों के बारे में सोचें। इसके लिए आप 20/50/30 का फॉर्मूला इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है यह फॉर्मूला…
बचत के लिए ऐसे करें शुरूआत
20/50/30 फॉर्मूले के तहत सबसे पहले सैलरी के 20-30 फीसदी हिस्से को बचत में लगाना चाहिए। इसके लिए आप FD, PF, PPF, म्यूचुअल फंड आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करना आपके लिए लॉन्ग टर्म में फायदेमंद होगा। क्योंकि अगर आप मां-बाप हैं तो भविष्य में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी आदि के लिए अच्छे-खासे फंड की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में यह 20-30 फीसदी की सेविंग काम आएगी।
इमर्जेन्सी के लिए अलग से बनाएं फंड
कोई नहीं कह सकता कि कोरोना के दौर में कब मुसीबत आ जाए। ऐसे में अचानक से पैसों की जरूरत पड़ सकती है। अगर फंड पास न हो तो मुश्किल हो सकती है। इसलिए आज के दौर में इमर्जेन्सी फंड जरूरी है। हालांकि इसके लिए आपको अलग से पैसे जोड़ने की जरूरत नहीं है। आप 20/50/30 फॉर्मूला के तहत जो 20-30 फीसदी सैलरी का हिस्सा बचत खाते में जमा करते हैं, उसी में से एक छोटा सा हिस्सा कम से कम 5 फीसदी इमर्जेन्सी के लिए रखें।
घर के खर्च के लिए 40-50 फीसदी हिस्सा निकालें
20/50/30 फॉर्मूले के दूसरे हिस्से में घर के खर्च को शामिल करें। इसके लिए आप सैलरी का 40-50 फीसदी हिस्सा निकालें। साथ ही महीने के बिल्स, जैसे क्रेडिट कार्ड बिल, बिजली का बिल, मोबाइल का बिल आदि को ड्यू डेट से पहले क्लियर कर दें। ताकि आखिरी वक्त में परेशानी न हो और एक्स्ट्रा चार्ज भी नहीं देना पड़े। घर के खर्च में किचन का खर्च, ग्रॉसरी, बच्चों की फीस, पेट्रोल का खर्च, मोबाइल बिल, घर का किराया, इंटरनेट बिल आदि शामिल है।
EMI आदि के लिए अलग से रखें एक हिस्सा
इसके अलावा तीसरे हिस्से में इंश्योरेंस, EMI, होम लोन, पर्सनल लोन आदि के लिए भी फंड का एक हिस्सा अलग रखें। इसमें आप 20-30% फंड रख सकते हैं। ऐसा करने से आपको EMI के लिए फंड जुटाने की टेंशन से मुक्ति मिलेगी और आप आराम से EMI की किस्त भर देंगे।