बेंगलुरु। (भाषा) गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी एच एस दोरैस्वामी का बुधवार को यहां एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उनके करीबी श्रीमाने नागराज ने कहा, ‘‘ जयदेव अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने पर अपराह्न एक बजकर 40 मिनट पर उनका देहावसान हाो गया।’’ उनके अनुसार दोरैस्वामी (103) आठ मई को कोविड-19 से संक्रमित हुए थे और उन्हें जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवस्कुलर डिजीज में भर्ती कराया गया था।
HS Doreswamy, 103-year-old freedom fighter and activist, dies in Bengaluru. He was a source of inspiration for so many people in Karnataka, a strong voice who fought for civil rights https://t.co/tx8GPHC0jg
— Dhanya Rajendran (@dhanyarajendran) May 26, 2021
13 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी। नागराज ने कहा, ‘‘ लेकिन 14 मई को ही दोरैस्वामी ने बहुत कमजोरी की शिकायत की। और उन्हें फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह अंतिम सांस लेने तक इसी अस्पताल में थे।’’ उन्होंने बताया कि गांधीवादी नेता को अस्थमा था और उनका फेफड़े से संबंधित बीमारी का उपचार चल रहा था। दोरैस्वामी के परिवार में एक बेटा और एक बेटी हैं। दस अप्रैल सन् 1918 को जन्मे होरोहल्ली श्रीनिवासैया दोरैस्वामी ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था और वह 1943 और 1944 के बीच 14 महीने तक जेल में रहे।
1943 और 1944 के बीच 14 महीने तक जेल में रहे
इन गांधीवादी नेता ने आजादी के बाद तत्कालीन मैसूरू महाराज पर अपनी रियासत का विलय करने के वास्ते दबाव डालने के लिए ‘मैसूरू चलो’ आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। बेंगलुरु के सेंट्रल कॉलेज से विज्ञान स्नातक दोरैस्वामी अध्यापन के पेशे में थे और वह ‘पौरावनी’ नामक एक अखबार भी निकालते थे। आपातकाल के दौरान वह चार महीने तक जेल में रहे। उससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरूद्ध आंदोलन शुरू करने की धमकी देते हुए उन्हें पत्र लिखा था। उम्र उनके जज्बे को नहीं डिगा सकी और वह अंत तक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता रहे।