MP News: मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा को कई बार अधिकारियों को फटकार लगाते आपने उनके बयानों में सुना होगा. अब उन्हीं करण सिंह वर्मा के क्षेत्र में जमीनों के पट्टे का फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. मामला भी 1 या 2 पट्टों का नहीं बल्कि यहां 38 लोगों के फर्जी पट्टे बनाए गए हैं. यह काम यहां के कुछ जिम्मेदार अधिकारियों और एक पटवारी की मिलीभगत से हुआ है. मामले में कलेक्टर ने पटवारी को निलंबित कर जांच के निर्देश दिए हैं.
भू-धारण अधिकार पत्र(पट्टे) बांटने में ऐसे हुई गड़बड़ी
भू-धारण अधिकार पत्रों (पट्टा) में धांधली का मामला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुआ. इन फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर ही 38 लोगों को अधिकार पत्रों का वितरण किया गया. इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब एक हितग्राही ने स्वीकृति आदेश और चालान की कॉपी निकालने के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय में आवेदन दिया. वहां जाकर उसे पता चला कि भू-धारण अधिकार पत्र फर्जी है. कलेक्ट्रेट के उपलब्ध रिकॉर्ड में उसका नाम नहीं है.
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने दिए जांच के आदेश
मामला जब कलेक्टर प्रवीण सिंह के सामने पहुंचा तब मामले पर संज्ञान लेते हुए पट्टे बनाने वाले पटवारी को निलंबित कर दिया गया. इस मामले की जांच के भी निर्देश दिए. आरोप है कि पटवारी ने रिश्वत लेकर ये फर्जी पट्टे बनाए हैं. पटवारी अधिकांश शर्मा ने 38 लोगों को फर्जी पट्टे बनाकर दिए हैं. मामला सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया. फिलहाल इस मामले की जांच वरिष्ठ अधिकारियों की टीम कर सौंपी गई है.
फर्जी पट्टा धारकों को नोटिस जारी
मामले का खुलासा होने के बाद फर्जी पट्टा धारकों को नोटिस दिया गया है. मामले की जानकारी देते हुए इछावर एसडीएम जमील खान ने बताया कि सरकार की भू धारण अधिकार के तहत पट्टों की योजना थी. जिसके तहत लोगों ने पट्टों के लिए आवेदन दिए थे. इनमें से कई मामले सामने आए जिसमें कलेक्टर ने स्वीकृति प्रदान नहीं की थी और पट्टे बांट दिए गए. हमने उन सभी पट्टे धारकों को नोटिस जारी किए हैं. जांच उपरांत पट्टे निरस्त किए जाएंगे.