मुंबई। (भाषा) मुंबई के कांदिवली में एक निजी अस्पताल के नाम पर कोविड-19 टीकाकरण शिविर लगाकर एक हाउसिंग सोसाइटी के लोगों से धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस के पास दर्ज कराई गई शिकायत में हीरानंदानी हेरिटेज रेजीडेंट्स वेलफ़ेयर एसोसिएशन (एचआरडब्ल्यूए) ने कहा कि 30 मई को आवासीय परिसर में टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया था। लेकिन बाद में कोविन पोर्टल पर इस अभियान में शामिल किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं दिखा। इन लोगों को विभिन्न अस्पतालों के नाम पर सर्टिफिकेट भी मिले थे। वहीं, उन्हें इस बात का भी डर लग रहा था कि उन्हें जो खुराक दी गई है, वह ज़हरीली हो सकती है।
4 persons arrested so far include one person who was running this racket, another person who organised vaccination camps in housing societies & two others who had stolen a no. of IDs. A 5th person who brought the vaccine has been detained from Madhya Pradesh: Dilip Sawant
— ANI (@ANI) June 18, 2021
वैक्सीन की भी जानकारी जुटा रही पुलिस
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी) दिलीप सावंत ने बताया कि उन्होंने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये हाउसिंग सोसाइटी में शिविर लगाने में शामिल थे। इनके अलावा इस शिविर के लिए टीके की ख़रीद करने वाले एक व्यक्ति को मध्य प्रदेश के एक रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया है और मुंबई पुलिस की एक टीम उसे वहां से लेकर आ रही है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि इस रैकेट ने नौ अन्य स्थानों पर भी टीकाकरण शिविर लगाए थे।
यह है पूरा मामला
पुलिस मामले की जांच कर रही है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एस वी रोड पर स्थित इस सोसाइटी के क़रीब 390 लोगों को टीके की खुराक दी गई और उन्हें तीन संगठनों से टीके लगने संबंधी सर्टिफिकेट मिले जिसमें कोविन ऐप का भी ज़िक्र था। यह टीकाकरण शिविर 30 मई को सोसाइटी के क्लब हाउस में आयोजित किया गया था और प्रत्येक व्यक्ति ने टीके के लिए 1,260 रुपये की राशि दी थी। उन्होंने बताया कि सोसाइटी ने संयुक्त तौर पर आयोजक को 4.56 लाख रुपये की राशि दी थी। इसके बाद टीका लेनेवाले लोगों ने जब टीकाकरण सर्टिफिकेट की मांग की तो आयोजकों ने उनसे जानकारियां मांगी।
पुलिस ने दी यह जानकारी
हालांकि तीन अलग संगठनों से सर्टिफिकेट मिलने के बाद सोसाइटी में रहनेवाले और इस अभियान का हिस्सा रहे एक व्यक्ति ने कांदिवली पुलिस थाने में आयोजकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया, ‘‘शिकायत में कहा गया है कि आयोजकों ने उन शीशियों से टीके दिए, जिन्हें पहले ही खोला जा चुका था।’’ अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि बृह्नमुंबई महानगरपालिका ने आयोजक को शिविर लगाने की अनुमति नहीं दी थी और अभियान के दौरान कोई चिकित्सा अधिकारी मौजूद नहीं था। वहीं ऐसा भी प्रतीत हुआ है कि शिविर में इस्तेमाल किए गए टीके अधिकृत व्यक्ति से नहीं हासिल किए गए थे।