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मुंबई कोर्ट का बड़ा फैसला: पूर्व SEBI प्रमुख माधवी पुरी बुच और 5 अन्य पर FIR के आदेश, शेयर बाजार में धोखाधड़ी का मामला

Share Market Fraud: मुंबई की अदालत ने पूर्व SEBI प्रमुख माधवी पुरी बुच और 5 अन्य के खिलाफ शेयर बाजार धोखाधड़ी और नियामक उल्लंघन के आरोप में FIR दर्ज करने का आदेश दिया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आरोपों के बारे में।

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Shashank Kumar
Share Market Fraud Madhabi Puri Buch FIR

Share Market Fraud, Madhabi Puri Buch FIR: मुंबई की एक विशेष एंटी-करप्शन अदालत ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की पूर्व प्रमुख माधवी पुरी बुच और अन्य शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मामला शेयर बाजार में धोखाधड़ी और नियामक उल्लंघन से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले (Share Market Fraud) में ‘साक्ष्य उपलब्ध हैं और निष्पक्ष जांच आवश्यक है।’

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क्या है पूरा मामला?

पत्रकार सपन श्रीवास्तव ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि स्टॉक एक्सचेंज में एक कंपनी को नियमों के विपरीत लिस्ट किया गया, जिसमें बड़े स्तर पर वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ।

शिकायतकर्ता ने कहा कि सेबी और बीएसई (BSE) के अधिकारियों ने अपनी वैधानिक जिम्मेदारियों का उल्लंघन किया और बाजार में हेरफेर की अनुमति दी, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।

अदालत ने क्या कहा?

कोर्ट के आदेश में कहा गया कि यह एक संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अदालत ने ACB (एंटी-करप्शन ब्यूरो) को निर्देश दिया कि वह भारतीय दंड संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और SEBI अधिनियम के तहत 30 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि SEBI और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निष्क्रियता के कारण न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ी।

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शिकायतकर्ता के मुख्य आरोप

  • सेबी के अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं किया।
  • बाजार में हेरफेर की अनुमति दी गई, जिससे निवेशकों को नुकसान हुआ।
  • एक ऐसी कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करने की अनुमति दी गई, जो नियमों का पालन नहीं करती थी।

SEBI चीफ पर लगे बड़े आरोप

हिंडनबर्ग रिसर्च का खुलासा

हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया था कि माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी एक ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी थी। रिपोर्ट में कहा गया कि मॉरीशस की इस ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ नामक कंपनी में विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए थे, जिससे अडाणी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में वृद्धि हुई।

तीन जगहों से सैलरी लेने का आरोप

कांग्रेस पार्टी ने भी माधवी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि SEBI प्रमुख रहते हुए उन्होंने ICICI बैंक सहित तीन जगहों से वेतन लिया। हालांकि, SEBI और ICICI बैंक ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।

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अब आगे क्या?

मुंबई की अदालत ने जांच एजेंसियों को 30 दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। यह मामला अब निवेशकों और वित्तीय जगत में चर्चा का विषय बन गया है। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह भारत के फाइनेंसियल रेगुलेटर्स के लिए बड़ा झटका हो सकता है।

माधबी बुच के बारे में

माधबी पुरी बुच एक प्रसिद्ध भारतीय वित्तीय नियामक और पूर्व अध्यक्ष, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) हैं। उन्होंने अपना करियर 1989 में ICICI बैंक से शुरू किया था और 2007 से 2009 तक ICICI बैंक में एग्जीक्यूटिव डायरेक्ट के रूप में काम किया। इसके अलावा, वह फरवरी 2009 से मई 2011 तक ICICI सिक्योरिटीज की मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO रहीं।

28 फरवरी को सेबी चीफ के पद से हुईं रिटायर

माधबी पुरी बुच ने 2011 में सिंगापुर में ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में काम किया और फाइनेंशियल सेक्टर में 30 सालों का लंबा अनुभव प्राप्त किया। वह सेबी की तमाम कमेटियों में पहले भी रह चुकी हैं और अभी इसकी एडवाइजरी कमेटी में भी थीं। उन्होंने 28 फरवरी को सेबी चीफ के पद से रिटायरमेंट लिया है।

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तुहिन कांत पांडे नए SEBI प्रमुख

उनकी जगह केंद्र सरकार ने वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे को अगला SEBI प्रमुख नियुक्त किया है। तुहिन अगले 3 सालों के लिए इस पद पर रहेंगे। वह ओडिशा कैडर के 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं और मोदी 3.0 सरकार में भारत के सबसे व्यस्त सचिवों में से एक हैं।

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