मुंबई। मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के शवों को रखने के लिए ‘बॉडी बैग’ की खरीद में कथित घोटाले से जुड़े मामले के संबंध में सोमवार को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के समक्ष पेश हुईं।
एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। बंबई उच्च न्यायालय ने छह सितंबर को पेडणेकर को गिरफ्तारी से चार सप्ताह की अंतरिम राहत देते हुए कहा था कि मामले की जांच की जा रही है और इस स्तर पर हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है।
अदालत ने पेडणेकर को मामले की जांच में सहयोग करने और 11, 13 और 16 सितंबर को पूछताछ के लिए शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पेडणेकर सोमवार को मामले में पूछताछ का सामना करने के लिए सुबह करीब 11 बजे यहां ईओडब्ल्यू कार्यालय पहुंचीं।
एक सत्र अदालत ने पेडणेकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था। सत्र अदालत ने कहा था कि पेडणेकर पर सार्वजनिक धन से जुड़े आर्थिक अपराध का आरोप है जिसमें मोटी रकम शामिल है।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता किरीट सोमैया की शिकायत के आधार पर पेडणेकर और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ 420 (धोखाधड़ी) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश) सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
ऐसा आरोप है कि महामारी के दौरान बीएमसी द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रबंधन और कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले मरीजों के शवों को रखने के लिए बॉडी बैग, मास्क और अन्य वस्तुओं की खरीद में धन का दुरुपयोग और गड़बड़ी की गई थी। पेडणेकर नवंबर 2019 से मार्च 2022 तक मुंबई की महापौर थीं। नए निकाय चुनाव अभी होने बाकी हैं।
अपनी अग्रिम जमानत याचिका में पेडणेकर ने दावा किया कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है और उनके खिलाफ शिकायत राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने दावा किया कि शिवसेना पार्टी में फूट के बाद मामला दर्ज किया गया और उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह उद्धव ठाकरे गुट में शामिल हैं।
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