Champai Soren: झारखंड के पूर्व सीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर लगभग मुहर लग गई है। उन्होंने अपने X अकाउंट पर लिखे लंबे-चौड़े पोस्ट में JMM छोड़ने के संकेत दिए हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने X पर पोस्ट करके सोरेन के बीजेपी में आने की पुष्टि लगभग कर दी है।
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी का ट्वीट
चंपाई दा आप टाईगर थें,टाईगर हैं और टाईगर ही रहेंगें।
NDA परिवार में आपका स्वागत है।
जोहार टाईगर…@ChampaiSoren— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) August 18, 2024
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने X पर लिखा कि चंपाई दा आप टाइगर थे, टाइगर हैं और टाइगर रहेंगे। NDA परिवार में आपका स्वागत है। जोहार टाइगर।
मोदी सरकार में MSME मंत्री हैं जीतनराम मांझी
जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा बीजेपी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस में शामिल है। जीतनराम मांझी केंद्र सरकार में MSME मंत्री हैं। आपको बता दें कि जब बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बना था, तब उसके निर्माण की भूमिका के लिए चंपाई सोरेन (Champai Soren) को टाइगर ऑफ कोल्हान के नाम से जाना जाता है।
चंपाई सोरेन के आत्मसम्मान को पहुंची चोट
जोहार साथियों,
आज समाचार देखने के बाद, आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।
अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज…
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 18, 2024
चंपाई सोरेन ने X पर एक लंबी पोस्ट शेयर की। इसमें उन्होंने काफी ‘आत्म-चिंतन’ के बाद अपने भविष्य के लिए 3 संभावित विकल्पों के बारे में बात की। JMM नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनके आत्मसम्मान को चोट पहुंची और उन्हें पार्टी के अंदर अपनी भूमिका को लेकर कड़वा अनुभव मिला, जिसने उन्हें वैकल्पिक रास्ता तलाशने के लिए मजबूर किया।
चंपाई सोरेन ने दिल्ली पहुंचने के बाद की पोस्ट
चंपाई सोरेन ने X पर दिल्ली पहुंचने के बाद पोस्ट की। इस वजह से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें और तेज हो गईं। चंपाई सोरेन ने आरोप लगाया कि जुलाई के पहले हफ्ते में उनके सभी सरकारी कार्यक्रम उनकी जानकारी के बिना पार्टी नेतृत्व द्वारा अचानक रद्द कर दिए गए और तब वे मुख्यमंत्री पद पर थे। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि जब मैंने कार्यक्रम रद्द करने के कारणों के बारे में पूछा तो मुझे बताया गया कि 3 जुलाई को पार्टी विधायकों की बैठक है और मैं तब तक किसी भी सरकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकता।
ये खबर भी पढ़ें: इंडियन कोस्ट गार्ड के DG राकेश पाल का हार्ट अटैक से निधन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और CM एमके स्टालिन ने दी श्रद्धांजलि
सीएम पद से इस्तीफे के बाद से बगावती तेवर
31 जनवरी को हेमंत सोरेन जेल भेजे गए थे तब उन्होंने सीएम की कुर्सी चंपाई सोरेन के हवाले कर दी थी। हेमंत सोरेन को खनन मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर गिरफ्तारी देनी पड़ी थी। करीब 5 महीने बाद जब हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए तो उन्होंने सत्ता में वापसी की। इसलिए चंपाई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद से ही चंपाई सोरेन ने बगावती तेवर अपना लिए थे।