इंदौर। कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान बुधवार को इंदौर पहुंचे। यहां खान ने कांग्रेस के कमजोर नेतृत्व पर बेवाकी से बात रखते हुए केंद्र सरकार की योजनाओं की जमकर आलोचना की है। असलम ने भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर अपनी राय रखी है। असलम ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व गांधी परिवार को छोड़ देना चाहिए, इसके बाद ही पार्टी का कुछ हो सकता है। वहीं मप्र में कांग्रेस की सरकार को लेकर उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने सिंधिया को जाने दिया जिससे सरकार गिर गई। वहीं असलम ने केंद्र सरकारी की योजनाओं की भी आलोचना की है।
गांधी परिवार के बाहर का हो राष्ट्रीय अध्यक्ष
असलम ने कहा कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी गांधी परिवार के बाहर का होना चाहिए। असलम ने कहा कि कांग्रेस को अध्यक्ष बनाने का फैसला सोच-समझकर लेना चाहिए थे। साल 2009 में जब पार्टी चुनाव जीती थी तो पॉलिटिकल लीडर को प्राइममिनिस्टर बनाना था। अगर उस समय प्रणव मुखर्जी को प्राइम मिनिस्टर बना देते तो कांग्रेस को आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। पिछले 18 सालों से संगठन कमजोर पड़ गया है। असलम ने कहा कि जब राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी का अध्यक्ष बाहर का ही बनाया जाएगा तो देरी किस बात की हो रही है।
यह बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम
असलम ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की मत मारी गई है। सरकार किसानों का हित नहीं सोच रही है। सरकार को कृषि कानून वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के समय बोफोर्स का मुद्दा उठाया गया था। इस मामले को संभालने की वजह इस पर लीपापोती की गई थी। इसका नतीजा यह हूआ था कि राजीव गांधी जैसा पॉपुलर नेता भी चुनाव में हार गया था और सरकार गिर गई थी। यह पहली बार नहीं है जब किसी अड़ियल रवैये के कारण सरकार गिरी है। असलम ने कहा कि इससे पहले वीपी सिंह के समय भी यूनिवर्सिटी में छात्रों का आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन को संभालने की वजाए इसे हिंसा के सहारे कंट्रोल करने की कोशिश की थी। इसके परिणाम स्वरूप उनकी भी सरकार गिर गई थी।