पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में प्रसिद्ध दगडूशेठ गणपति पंडाल में 31,000 से अधिक महिलाओं ने ‘अथर्वशीर्ष’ का पाठ किया। ‘अथर्वशीर्ष’, संस्कृत में रचित एक लघु उपनिषद है, जो ज्ञान और बुद्धि के देवता भगवान श्री गणेश को समर्पित है।
श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट के अनुसार, यह उनके गणेश उत्सव समारोह में अथर्वशीर्ष के वार्षिक पाठ का 36वां वर्ष है। उन्होंने बताया कि पारंपरिक कपड़े पहने 31,000 महिलाएं दगड़ूशेठ गणपति पंडाल के सामने एकत्र हुईं और ‘अथर्वशीर्ष’ का जाप किया। इस साल पंडाल की थीम अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर की प्रतिकृति है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने प्रसिद्ध पंडाल में विशेष पूजा की
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को दस दिवसीय उत्सव के पहले दिन प्रसिद्ध पंडाल में विशेष पूजा की। महाराष्ट्र में इस गणेश उत्सव की शुरुआत 1880 के दशक से हुई। उस समय राष्ट्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक और अन्य लोगों ने जनता को संगठित करने के लिये गणेश उत्सव मनाना शुरू किया था।
पिछले कुछ दिनों में मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों में गणेश मंडल बड़ी मूर्तियों को ढोल-नगाड़े की थाप के साथ अपने पंडालों में ले गए। घरेलू गणेश मूर्तियां ज्यादातर सोमवार की रात या मंगलवार की सुबह ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारों के साथ लाई गईं।
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