भोपाल। प्रदेश में कोरोना अभी पूरी तरह थमा नहीं था कि ब्लैक फंगस का खतरा मंडराने लगा है। वहीं कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को लेकर भी तैयारियां चल रही हैं। राजधानी में एक तीन साल की बच्ची में ब्लैक फंगस का केस मिला है। यह पहली बार है जब भोपाल में बच्चों में ब्लैक फंगस का संक्रमण मिला है। बच्ची को हमीदिया अस्पताल के म्यूकर वॉर्ड में भर्ती किया गया है। अस्पताल के डॉक्टर यशवीर बच्ची का इलाज कर रहे हैं। डॉ ने बताया कि बच्ची को टाइप-1 का डायबिटीज भी है। बच्ची के जन्म के एक साल में ही इसका पता चल गया था।
बच्ची को एंटीबायोटिक दवाएं भी दी जा रही हैं। इसी कारण से बच्ची में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस ) के लक्षण पाए गए हैं। डॉक्टर ने बताया कि जांच के कुछ सैंपल भेजे गए हैं। इनकी जांच की जा रही है। अभी रिपोर्ट आना बाकी है। इससे पहले शहर के दो बच्चों में ब्लैक फंगस का मामला सामने आया है। दोनों बच्चों की उम्र 18 साल है। वहीं प्रदेश में अब तक 18 साल के कम के ब्लैक फंगस के 4 मामले सामने आए हैं।
थमने लगी कोरोना की रफ्तार…
वहीं कोरोना की रफ्तार थमने लगी है। प्रदेश में रोजाना आंकड़ों में कमी देखने को मिल रही है। इसी को देखते हुए 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। अब धीरे-धीरे बाजारों को खोलने की छूट दी जा रही है। हालांकि अभी भी सख्ती जारी है। जिन जिलों में संक्रमण की रफ्तार कम है वहां ज्यादा छूट दी गई है।
वहीं जिन जिलों में संक्रमण की रफ्तार ज्यादा है वहां कम छूट दी गई है। इंदौर में संक्रमण ज्यादा होने के कारण यहां अनलॉक के बाद भी भोपाल की तुलना में ज्यादा सख्ती है। राजधानी में भी सख्ती के साथ अनलॉक किया जा रहा है। शाम 6 बजे तक बाजार बंद हो जाते हैं।