हाइलाइट्स
- 90 से 100 अपात्र लोगों को राशन वितरित किया गया
- मेरठ के तत्कालीन डीएसओ के खिलाफ सिफारिश
- डीएसओ पर एफआईआर दर्ज करने की भी सिफारिश
Food grains scam in UP: उत्तर प्रदेश में गरीबों के हक पर डाका डालने वाले बहुचर्चित राशन घोटाले की परतें अब एक-एक कर खुल रही हैं। सीआईडी जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनमें पता चला है कि बरेली, आगरा और मेरठ मंडल में एक ही आधार कार्ड का उपयोग कर 90 से 100 अपात्र लोगों को राशन वितरित किया गया। इस फर्जीवाड़े में नाबालिगों के नाम का भी इस्तेमाल किया गया।
सीआईडी की जांच में बड़ा खुलासा
खाद्यान्न घोटाले की जांच की जिम्मेदारी जब फरवरी 2024 में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से हटाकर सीआईडी को सौंपी गई, तब जाकर जांच में तेजी आई। तीन मंडलों से जुड़े कुल 134 मामलों में से 110 मामलों को सीआईडी ने निस्तारित कर दिया है। जांच में दोषी पाए गए जिलों के एडीएम और जिला पूर्ति अधिकारियों (DSO) की जिम्मेदारी तय कर शासन से उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है। कुछ डीएसओ पर एफआईआर दर्ज करने की भी सिफारिश की गई है।
आधार प्रमाणीकरण का दुरुपयोग
इस घोटाले में सबसे बड़ा हथियार बना आधार प्रमाणीकरण। राशन डीलरों (कोटेदारों) और खाद्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से वास्तविक लाभार्थियों के स्थान पर किसी और व्यक्ति का आधार नंबर सिस्टम में एडिट कर अपलोड कर दिया गया। यही नहीं, कई नाबालिगों के नाम पर भी राशन उठाया गया। जबकि शासन को भेजी गई रिपोर्ट में असली लाभार्थियों के नाम व आधार नंबर दर्शाए गए, जिससे यह फर्जीवाड़ा वर्षों तक पकड़ा नहीं जा सका।
मेरठ के तत्कालीन डीएसओ के खिलाफ सिफारिश
सीआईडी ने मेरठ मंडल की जांच के दौरान तत्कालीन डीएसओ विकास गौतम को दोषी पाया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है। इस मामले में अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है। इसके अलावा, कई पूर्ति निरीक्षकों, राशन डीलरों, सेल्समैन और कंप्यूटर ऑपरेटरों के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
फर्जीवाड़ा रोकने को नई तकनीक
खाद्य आयुक्त रणवीर प्रसाद के अनुसार, इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए एल-1 डिवाइस लागू की जा रही है। यह डिवाइस केवल उसी स्थिति में अंगूठे का निशान स्वीकार करेगी, जब उसमें खून का प्रवाह हो — यानी अंगूठे की नकली नकल काम नहीं करेगी। 30 जून तक सभी ई-पॉश मशीनों के साथ यह नई डिवाइस लगाई जाएगी।
गरीबों को उनका हक दिलाना प्राथमिकता
सरकार का कहना है कि गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराना उसकी प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से खाद्यान्न घोटाले से जुड़े मामलों की विशेष जांच अभियान के तहत सीआईडी द्वारा निगरानी की जा रही है। दोषियों को कानून के तहत सख्त सजा देने की प्रक्रिया चल रही है।