भोपाल। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बाढ़ प्रभावित ग्वालियर-चंबल क्षेत्र का रविवार को हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सार्वजनिक सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द बहाल करें। उन्होंने इस प्राकृतिक आपदा में बेघर हुए नागरिकों की सूची बनाकर उनके लिए रहने और सभी प्रभावित गांवों के लोगों के लिए भोजन एवं अन्य जरूरी सामान की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश प्रशासनिक अधिकारियों को दिए। सिंधिया ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन कराया जाएगा, जिसके पश्चात राहत एवं पुनर्वास के लिए केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा प्रभावितों को हर संभव मदद दी जाएगी।
यह बात सिंधिया ने अशोकनगर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के पश्चात जिला मुख्यालय में आयोजित बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान कही। सिंधिया ने ग्वालियर संभाग के गुना जिले में बाढ़ एवं अत्यधिक वर्षा से उत्पन्न स्थिति का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद गुना में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ भी बैठक की। सिंधिया ने इस बैठक में कहा, ‘‘मैंने स्वयं ग्वालियर संभाग के जिलों में बाढ़ की स्थिति से हुए नुकसान को देखा है। अब हमारा सबसे पहला काम यह है कि जन-जीवन को सामान्य किया जाए तथा जो नुकसान हुआ है उसके लिए राहत राशि का काम तेजी से किया जाये। उन्होंने निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, पानी, बिजली, दवाओं के छिड़काव आदि की व्यवस्था प्राथमिकता से की जाए।
जल्द दुरुस्त हो बिजली व्यवस्था
सिंधिया ने कहा कि बाढ़ के कारण जिन गांवों में ट्रांसफार्मर और बिजली के खंबे डूब गए थे, वहां पर बिजली की आपूर्ति करने से पूर्व निरीक्षण कर लिया जाए कि लाईन पूरी तरह से दुरुस्त है या नहीं। उन्होंने कहा कि गरीबों को खाद्यान्न वितरण का कार्य तेजी से पूरा किया जाये और जिन क्षेत्रों के रास्ते अवरूद्ध हैं, वहां पर भी राशन पहुंचाया जाये। सिंधिया ने निर्देश दिए कि अतिवृष्टि से जो लोग बेघर हुए हो और जान-माल का जो नुकसान हुआ हो, उसका सर्वेक्षण शीघ्रता से कराकर राहत राशि प्रदान की जाये। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति थी, वहां दवाओं का छिड़़काव किया जाए, ताकि बीमारियों का खतरा न रहे।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच कराई जाए। सिंधिया ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि मौसम विज्ञान से प्राप्त जानकारी एवं प्रतिदिन के वर्षा के आंकड़ों को सामने रखकर पहले से ही इस प्रकार की व्यवस्था कर ली जाए, ताकि बाढ़ से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटा जा सके और नागरिकों को कम से कम परेशानी हो।