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हाइलाइट्स
- चंदौली में गंगा नहर का तटबंध टूटा, मचा हाहाकार
- 250 एकड़ फसल जलमग्न, 50 घरों में भरा पानी
- ग्रामीणों का प्रशासन पर आरोप, मुआवजे की मांग
Chandauli Flood News:उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के नियामताबाद ब्लॉक स्थित गोधना नई बस्ती के पास शनिवार सुबह गंगा नहर (नारायनपुर नहर) (Narayanpur Flood) का तटबंध अचानक टूट गया। यह भयानक घटना सुबह के करीब 4 बजे हुई, जब लोग गहरी नींद में थे। तेज बहाव के साथ नहर का पानी रिहायशी इलाकों और खेतों में घुस गया, जिससे पूरे क्षेत्र में हाहाकार मच गया।
250 एकड़ फसल जलमग्न
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250 एकड़ धान की फसल जलमग्न हो गई[/caption]
इस हादसे से करीब 250 एकड़ धान की फसल जलमग्न हो गई। वहीं 50 से ज्यादा घरों में पानी घुसने से अनाज, घरेलू सामान और पशु चारे को भारी नुकसान हुआ है। पीड़ित किसान बेहद परेशान हैं, क्योंकि अधिकतर ने कर्ज लेकर धान की बुवाई की थी। अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
प्रशासनिक लापरवाही पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा
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नई बस्ती के पास शनिवार सुबह गंगा नहर (नारायनपुर नहर) का तटबंध अचानक टूट गया[/caption]
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि नहर तटबंध की जर्जर हालत की सूचना दो महीने पहले ही सिंचाई विभाग (Irrigation department) को दी गई थी, लेकिन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। हादसे के समय ग्रामीणों ने तुरंत अधिकारियों को फोन किया, लेकिन एसडीएम तक ने कॉल रिसीव नहीं किया।
इस लापरवाही से नाराज़ ग्रामीणों ने मुगलसराय-गोधना मुख्य मार्ग जाम कर विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।
6 घंटे बाद पहुंचे अफसर
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250 एकड़ फसल जलमग्न, 50 घरों में भरा पानी[/caption]
घटना के 5 से 6 घंटे बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे, जिसके बाद तटबंध की मरम्मत कार्य की शुरुआत हुई। लेकिन तब तक पानी 2 किलोमीटर के क्षेत्र में फैल चुका था। ग्रामीणों का आरोप है कि यदि समय पर कार्रवाई होती, तो इस आपदा को रोका जा सकता था।
राहत कार्य धीमा
प्रशासन द्वारा प्रभावित इलाकों में अस्थायी राहत शिविर बनाए गए हैं। पशुओं को ऊंचाई वाली जगहों पर पहुंचाया गया है। हालांकि राहत और बचाव कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है, जिससे ग्रामीण खुद घरों से पानी निकालने में लगे हुए हैं।
किसानों ने की मुआवजे की मांग
प्रभावित किसानों और ग्रामीणों ने सरकार से तत्काल आर्थिक मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि यह केवल प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि नहर तटबंध की स्थायी मरम्मत नहीं की गई, तो भविष्य में इससे भी भयानक स्थिति पैदा हो सकती है
Aniruddhacharya: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के बयान पर बवाल, महिला आयोग की कार्रवाई की मांग, कांग्रेस ने भी साधा निशाना
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