Benefits of Fixed Deposit: भविष्य की वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आज निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं। उनमें से एक प्रमुख और भरोसेमंद विकल्प है फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)। यह निवेश योजना खासकर उन लोगों के लिए मुफीद मानी जाती है जो बाजार जोखिम से बचते हुए एक सुरक्षित रिटर्न की तलाश में रहते हैं।
क्या है फिक्स्ड डिपॉजिट?
फिक्स्ड डिपॉजिट एक ऐसी निवेश योजना है जिसमें निवेशक एक निश्चित राशि को एक तय अवधि के लिए बैंक या फाइनेंशियल संस्था में जमा करते हैं। इस पर उन्हें तय ब्याज दर पर नियमित आय मिलती है। एफडी की अवधि 7 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है। यह निवेश विकल्प सेविंग अकाउंट की तुलना में बेहतर ब्याज दर प्रदान करता है।
एफडी के प्रकार
बाजार में कई प्रकार की फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
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मानक सावधि जमा
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कर-बचत सावधि जमा
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एनआरई और एनआरओ जमा
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एफसीएनआर और आरएफसी जमा
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संचयी और गैर-संचयी सावधि जमा
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वरिष्ठ नागरिक सावधि जमा
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फ्लेक्सी और फ्लोटिंग रेट एफडी
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कॉर्पोरेट एवं कॉल/नॉन-कॉलयोग्य एफडी
क्या एफडी है आपके लिए सही निवेश?
एफडी को एक गारंटीड रिटर्न देने वाला निवेश विकल्प माना जाता है। यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो कम जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न चाहते हैं। आपकी वित्तीय स्थिति और लक्ष्य के अनुसार एफडी की अवधि और राशि तय की जा सकती है। कुछ बैंक एफडी पर लोन की सुविधा भी देते हैं, जो आपात स्थिति में उपयोगी हो सकती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे
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सेविंग अकाउंट से बेहतर ब्याज दर
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निश्चित और सुरक्षित रिटर्न
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बाजार जोखिम से सुरक्षा
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आपातकालीन स्थितियों में लोन की सुविधा
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वरिष्ठ नागरिकों को अधिक ब्याज दर
फिक्स्ड डिपॉजिट के नुकसान
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निवेश राशि लॉक-इन अवधि में रहती है
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समय से पहले एफडी तोड़ने पर जुर्माना और ब्याज में कटौती संभव
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ब्याज दरें फिक्स होती हैं – बाजार में वृद्धि का लाभ नहीं मिलता
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टैक्स योग्य ब्याज – 60 वर्ष से कम उम्र के निवेशकों के लिए 40,000 रु. से अधिक ब्याज पर टीडीएस लागू
एफडी तोड़ने के फायदे
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आपात स्थिति में नकद जरूरत पूरी करने का विकल्प
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पर्सनल लोन की तुलना में सस्ता समाधान
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खराब क्रेडिट स्कोर की स्थिति में मददगार
एफडी तोड़ने के नुकसान
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रिटर्न में कमी
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टैक्स बेनेफिट वाली एफडी पर छूट खत्म
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जुर्माना देना पड़ सकता है
ब्याज दरें: कितनी कम और कितनी ज्यादा?
एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरें बैंक और योजना के अनुसार भिन्न होती हैं। आमतौर पर यह 3% से लेकर 9% या उससे अधिक हो सकती हैं। वरिष्ठ नागरिकों को आमतौर पर अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ मिलता है।
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