(शाजापुर से आदित्य शर्मा की रिपोर्ट): जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम) एवं प्रथम अपर जिला न्यायाधीश के न्यायालय ने हत्या के प्रकरण में अपना महत्वपूर्ण निर्णय में आरोपी गीताबाई पति मेहरबान सिंह बागरी उम्र 35 वर्ष निवासी सुनेरा बर्ल्डी, शिवनारायण उर्फ शिवलाल पिता मांगीलाल मालवीय उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम सुनेरा बल्डी , मंसूर खान पिता लतिफ खान उम्र 50 वर्ष निवासी ग्राम सुनेरा बर्ल्डी को दोषी पाते हुए तीनों आरोपियों को हत्या के प्रकरण में आजीवन कारावास एवं 1500-1500/- रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
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उपसंचालक अभियोजन प्रेमलता सोलंकी ने बताया कि, घटना 20/12/2018 को ग्राम तिंगजपुर मोचीखेडी रोड फरीद खान निवासी मोचीखेडी के खेत की मेढ पर मेहरबान पिता कचरूलाल बागरी निवासी सुनेरा बर्ल्डी की लाश खेत में पडी मिली थी। अनुसंधान के दौरान पुलिस ने पाया कि मृतक की पत्नि गीताबाई के अवैध संबंध आरोपी मंसूर खां से थे। गीताबाई ने मंसूर खान के साथ षड्यंत्ररच 19/12/2018 को विवाह में अपने पति के साथ जा रही है और उसे अपने हिसाब से देखलेने की सूचना दी।
इस पर आरोपी मंसूर खान ने अपने दोस्त शिवनारायण के साथ मिलकर मोटरसाईकिल से मृतक मेहरबान को ले जाकर पहले शराब पिलाई पश्चात गला दबाकर हत्या कर घटना स्थल पर फेंक दिया। थाना सलसलाई पर आरोपीगण के विरूद्ध धारा 302, 201, 120 भादवि एवं 3(2) एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया। बाद विवेचना अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी उपसंचालक (अभियोजन) सुश्री प्रेमलता सोलंकी व रमेश सोलंकी, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।