प्रयागराज। ‘India.. Who Lit the Fuse’ banned इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कतर के समाचार चैनल अल जजीरा को ‘इंडिया… हू लिट दि फ्यूज’ शीर्षक से बनी फिल्म का प्रसारण करने से बुधवार को रोक दिया। अदालत ने कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दों का निस्तारण होने तक यह फिल्म प्रसारित ना की जाए।
नफरत पैदा करने का काम करेगी फिल्म
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने सुधीर कुमार नामक व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। सुधीर कुमार ने अपनी अर्जी में दलील पेश किया है कि यदि यह फिल्म प्रसारित की जाती है तो इससे विभिन्न धर्म के लोगों के बीच नफरत पैदा हो सकती है और देश का सौहार्द बिगड़ सकता है। अर्जी में अदालत से यह भी अनुरोध किया गया है कि केंद्र सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) को इस फिल्म की समीक्षा कर इसके प्रसारण से पूर्व प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया जाए।
याचिका पर विचार करना आवश्यक
अदालत ने कहा, अर्जी में लगाए गए आरोपों की गंभीरता पर विचार करते हुए इस याचिका पर विचार करना आवश्यक है। इसलिए इस याचिका में उठाए गए मुद्दों का निस्तारण होने तक इस फिल्म का प्रसारण टाल दिया जाए। अदालत ने अल जजीरा को इस याचिका में उठाए गए मुद्दों का निस्तारण होने तक फिल्म का प्रसारण करने से रोक दिया। अदालत ने केंद्र सरकार और इसके अधीन अधिकारियों को निर्देश दिया कि जब तक इस फिल्म की विषय वस्तु की समीक्षा नहीं कर दी जाती, फिल्म के प्रसारण की अनुमति ना दी जाए और इसके लिए कानून में वांछित उचित उपाय किए जाएं।
मुस्लिम को भय के साए जीने का किया चित्रण
याचिकाकर्ता के मुताबिक, उसे प्रिंट और सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला है कि इस फिल्म में मुस्लिमों को भय के साये में जीवन जीते हुए दिखाया गया है जिससे लोगों में घृणा की भावना पैदा होती है। अर्जी में कहा गया है कि यह सच्चाई से कोसों दूर है। अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि छह जुलाई, 2023 निर्धारित की है।