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FD Vs PPF: लंबे समय के निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट और पब्लिक प्रोविडेंट फंड में से किसे चुनें, यहां जानें

FD Vs PPF: यदि आप लंबे समय के निवेश के बारे में सोच रहे हैं, तो आईए जानें कि फिक्स्ड डिपॉजिट और पब्लिक प्रोविडेंट फंड में से किसे चुनें।

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Vishalakshi Panthi
FD Vs PPF

FD Vs PPF: जब भी आप सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश के बारे में सोचते हैं, तो आपके मन में अक्सर फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) का विचार आता है। ये दोनों ही विकल्प आपके पैसों को सुरक्षित और बचत को बढ़ाने में मदद करते हैं। यदि आप लंबे समय के इन्वेस्टमेंट के बारे में सोच रहे हैं और आपको समझ नहीं आ रहा है कि FD और PPF में से किस में निवेश करें, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आईए फिक्सड डिपॉजिट और पब्लिक प्रोविडेंट फंड क्या है और कौनसा विकल्प आपके निवेश के लिए बेस्ट है, ये समझते हैं।   

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फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) क्या है?

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है, जिसमें आप बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) के पास एक निश्चित राशि को एक निश्चित अवधि के लिए जमा करते हैं। इस पर पहले से तय ब्याज दर मिलती है, जो आमतौर पर 6% से 8% के बीच होती है, लेकिन यह बैंक और निवेश की अवधि पर निर्भर करती है। FD फ्लेक्सिबल होती है, क्योंकि इसे 7 दिनों से लेकर 10 साल तक के लिए खोला जा सकता है। इसमें आपको ब्याज समय-समय पर या फिर मेच्योरिटी पर एक साथ मिल सकता है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) क्या है?

PPF एक लंबी अवधि की बचत योजना है, जिसे भारत सरकार की गारंटी प्राप्त है। इसकी अवधि 15 साल होती है, और इस पर ब्याज दर हर तीन महीने में वित्त मंत्रालय द्वारा तय की जाती है। वर्तमान में यह दर लगभग 7.1% सालाना (कंपाउंडेड) है। इसमें आप हर साल 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं, और इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स में छूट का लाभ भी मिलता है।

FD और PPF में मुख्य अंतर:

  1. रिटर्न और टैक्स:
    • FD पर मिलने वाला ब्याज आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होता है।
    • PPF में निवेश, उस पर मिलने वाला ब्याज और मेच्योरिटी की राशि पूरी तरह टैक्स फ्री होती है।
    • उच्च टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए PPF अधिक फायदेमंद हो सकता है।
  2. लिक्विडिटी:
    • FD में आप मेच्योरिटी से पहले पैसा निकाल सकते हैं, लेकिन इसके लिए पेनल्टी लग सकती है।
    • PPF में आंशिक निकासी 7 साल के बाद ही संभव है, और पूरा पैसा 15 साल बाद ही निकाला जा सकता है।
    • PPF पर 3 से 6 साल के बीच लोन भी लिया जा सकता है।
  3. सेफ्टी:
    • PPF पूरी तरह सरकारी गारंटी वाला है, इसलिए इसे अधिक सुरक्षित माना जाता है।
    • FD भी सुरक्षित है, खासकर बड़े बैंकों में ₹5 लाख तक की जमा राशि इंश्योरेंस कवर के तहत आती है।
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किसके लिए कौन बेहतर है?

  • FD चुनें अगर:
    • आपको छोटी या मध्यम अवधि के लिए निवेश करना है।
    • आप जल्दी पैसा निकालने की जरूरत महसूस कर सकते हैं।
    • आपकी टैक्स स्लैब कम है।
  • PPF चुनें अगर:
    • आप लंबी अवधि के लिए टैक्स फ्री बचत करना चाहते हैं।
    • आपका फोकस रिटायरमेंट या बच्चों की शिक्षा के लिए सेविंग्स पर है।
    • आपकी टैक्स स्लैब अधिक है और आप टैक्स बचाना चाहते हैं।

दोनों विकल्पों को एक साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे आपको सुरक्षा, टैक्स बेनिफिट और लिक्विडिटी का बैलेंस मिल सके। सही चुनाव आपकी वित्तीय स्थिति और लक्ष्यों पर निर्भर करता है।

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