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Father Varghese Alangadan Funeral : आखिर ऐसा क्या हुआ कि ईसाई धर्मगुरु का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार, जानें

Father Varghese Alangadan Funeral : आखिर ऐसा क्या हुआ कि ईसाई धर्मगुरु का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार, जानें Father Varghese Alangadan Funeral : what-happened-after-all-that-christian-religious-leader-was-cremated-according-to-hindu-customs-know-pds

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Preeti Dwivedi
Father Varghese Alangadan Funeral : आखिर ऐसा क्या हुआ कि ईसाई धर्मगुरु का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार, जानें

इंदौर। Father Varghese Alangadan Funeral इंदौर में सर्व धर्म समभाव का अनूठा उदाहरण सामने आया है। Mp Breaking news जहां चर्च के पादरी ने लिखी वसीयत में दवफाने की नहीं बल्कि अंतिम संस्कार करने की इच्छा जाहिर की। इसके लिए यहां हम बात कर रहे हैं Indore Khabar Jara Hatke  चर्च के फादर वर्गीस की। जो अपनी वसीयत में रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार की इच्छा लिख गए थे। जिसके बाद मुताबिक मंगलवार 28 मार्च को हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया।

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आपको बता दें फादर वर्गीस की Father Varghese Alangadan Funeral  बाइपास सर्जरी हुई थी। जिसके बाद फादर वर्गीस को फेफड़ों में इन्फेक्शन की शिकायत होने से सांस लेने में समस्या होने लगी थी। जिसके बाद रविवार को फादर वर्गीस ने निजी हॉस्पिटल में उनकी मृत्यु हो गई। इसी दौरान वर्गीस आलेंगाडन की शव यात्रा में शामिल होने आए मनीष दवे ने बताया कि फादर सर्वधर्म को मानने वालों में से थे। वे सभी धर्म के लोगों को एक नजर से देखते थे।

मुक्धिाम में बाइबिल और गीता पढ़ी गई एक साथ - Indore Khabar Jara Hatke 
आपको बता दें इंदौर के रामबाग स्थित मुक्ति धाम में फादर का अंतिम संस्कार किया गया। जहां बाइबिल की प्रेयर और गीता के श्लोक एक साथ सुनाई दिए। 71 वर्ष की उम्र में फादर ने अंतिम सांस ली।

ईसाई धर्मगुरु का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार - Indore Khabar Jara Hatke 
आपको बता दें फायर की इच्छा थी कि उनकी मृत्यु होने के बाद उन्हें दफनाने की बजाए हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। यही कारण है कि उनका अंतिम संस्कार दाह अग्नि के साथ हुआ। फादर की मृत्यु के बाद उनके पार्थिव शरीर को दो दिन तक रेड चर्च में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जिसके बाद मुक्ति धाम में क्रिश्चियन और हिंदू समाज के लोगों की बड़ी संख्या शामिल होकर उनकी Indore Khabar Jara Hatke  अंतिम यात्रा में शामिल हुए। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए खंडवा से आए फादर सामू सागर के अनुसार वर्गीस आलेंगाडन वसीयत कर गए थे। जिसमें उन्होंने मरने के बाद हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया करने की बात लिखी थी। यही कारण है कि उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करने लिए हिन्दू धर्म से अंतिम संस्कार किया गया।

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