Farmer Protest For Soybean MSP: मध्य प्रदेश में किसान एक बार फिर सरकार के खिलाफ आंदोलन के लिए सड़क पर उतर आए हैं. किसानों की मांग है कि सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल किए जाएं। 6 हजार से कम दाम मंजूर नहीं हैं। सोयाबीन किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले 25 दिन से प्रदेशभर में सम्मेलन कर रहे हैं। सोमवार को उज्जैन में करीब एक हजार ट्रैक्टर लेकर किसान सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही भोपाल, शाजापुर, गुना, जबलपुर, समेत कई जिलों के किसान सड़क पर उतरे और विरोध जताया।
RSS से जुड़े भारती किसान संघ ने भी खोला मोर्चा
सोयाबीन की एमएसपी 6000 रुपए करने पर किसानों के संगठनों के अलावा RSS से जुड़ा हुआ किसान संगठन BKS भी उतरा है। उज्जैन जिले के किसान BKS के साथ मिलकर रैली निकालकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे। सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उज्जैन हरी फाटक ब्रिज के पास से शुरू हुई रैली ब्रिज के ऊपर से होते हुए देवास गेट, चामुंडा माता मंदिर, कृषि मंडी,से वापस कोयला फाटक होते हुए फ्रीगंज तीन बत्ती चौराहा से होते हुए कोठी रोड और फिर अंत में संकुल भवन पहुंचकर ज्ञापन देकर रैली समाप्त हुई।
सोयाबीन की मौजूदा कीमत किसानों के साथ धोखा
भारतीय किसान संघ के नेता भारत सिंह बेस ने कहा कि सोयाबीन के वर्तमान मूल्य किसानों के साथ धोखा है और उन्हें 6000 रुपये प्रति क्विंटल का लाभकारी मूल्य चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है, लेकिन उन्हें उनकी उपज की पूरी कीमत नहीं मिलती है। सोयाबीन के मूल्य को लेकर किसानों के साथ छल किया जा रहा है और उन्हें कम मूल्य मिल रहा है।
भारतीय किसान संघ ने रखी ये 15 मांग
– सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 6000/- प्रति क्विंटल किया जाए
– कृषि उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य प्रदान किया जाए
– कृषि के लिए अलग बजट का प्रावधान हो
– बलराम जयंती को किसान दिवस घोषित किया जाए
– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार हेतु केन्द्रीय स्तर पर उच्च समिति का गठन हो
– आयात-निर्यात नीति फसल उत्पादन और आवश्यकता के आधार पर तय की जाए
– फसल खरीदी व्यवस्था में पारदर्शिता हो
– मनरेगा को कृषि से जोड़ा जाए
– सभी जिलों में कृषि महाविद्यालय स्थापित हो
– फसल में नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए 80% अनुदान दिया जाए
– गौवंश आधारित जैविक खेती को प्रोत्साहन मिले
– किसान हित में फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना हो
– दमोह जिले में चार सिंचाई योजनाएं पूरी की जाएं
– राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा किसानों को क्रेडिट कार्ड की लिमिट सीमा हटाई जाए
– ग्रामों में निवासरत किसानों को उद्योग व्यवसाय तथा गृह निर्माण हेतु ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाए
– ऋणी किसानों की जमीनों को बैंकों द्वारा बंधक बनाया जाता है, त्रऋण चुकता होने के बाद भी बैंकों द्वारा कई महीनों / वर्षों तक बंधन मुक्त नहीं करवाया जाता, इस पर रोक लगाई जाए।
केके मिश्रा बोले किसानों पर गोली चलाने वाला कृषि मंत्री बना
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के मीडिया एडवाइजर ने किसान आंदोलन में BKS को लेकर कहा कि भारतीय किसान संघ RSS से जुड़ा हुआ है। यह आंदोलन में सरकार को फायदा पहुंचाने और किसानों के आंदोलन को कमजोर करने उतरा है। समस्या इसलिए है क्योंकि मध्यप्रदेश में जब किसान का बेटा मुख्यमंत्री था और जिसने किसानों पर गोली चलवाईं थीं। 6 किसान शहीद हुए, अब वही देश का कृषि मंत्री है। इन्हें तो छोटे तालाब और बडे़ तालाब में डूब मरना चाहिए।