करनाल। किसानों पर 28 अगस्त को हुए पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ Farmer Protest करनाल में मंगलवार को ‘‘ ‘मिनी सेक्रेटेरिएट’ (छोटे सचिवालय) का घेराव करने’’ के कार्यक्रम से एक दिन पहले प्रशासन ने जिले में सोमवार को लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया।
अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक Farmer Protest लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया। हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चादुनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने सोमवार को कहा कि मंगलवार को यहां एक भव्य पंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद किसान छोटे सचिवालय का घेराव करेंगे।
Lakhs of farmers have gathered in protest today, in Muzaffarnagar. They are our own flesh and blood. We need to start re-engaging with them in a respectful manner: understand their pain, their point of view and work with them in reaching common ground. pic.twitter.com/ZIgg1CGZLn
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 5, 2021
उन्होंने कहा, ‘‘ किसान मंगलवार सुबह करनाल की नई अनाज मंडी में एकत्रित होंगे।’’ कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विभिन्न किसान संगठनों की नेतृतव कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मांगे पूरी नहीं होने पर सात सितंबर को करनाल में ‘मिनी सेक्रेटेरिएट’ की घेराबंदी Farmer Protest करने की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि हरियाणा पुलिस ने 28 अगस्त को भाजपा की एक बैठक में जा रहे नेताओं का विरोध करते हुए एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर कथित तौर पर यातायात बाधित करने वाले किसानों के एक समूह पर लाठीचार्ज किया था। इसमें 10 से अधिक Farmer Protest प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। एसकेएम ने आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है।
सिन्हा कथित तौर पर एक टैप में पुलिस कर्मियों को प्रदर्शन कर रहे किसानों को ‘‘सिर तोड़ने’’ का कहते सुनाई दे रहे हैं। संगठन ने सिन्हा को बर्खास्त करने की भी मांग की है। हरियाणा सरकार ने बुधवार को करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा सहित 19 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। सिन्हा को अब नागरिक संसाधन सूचना विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में Farmer Protest तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहले Farmer Protest सिन्हा के शब्दों का गलत बताया था, लेकिन पुलिस की कार्रवाई का बचाव किया। कांग्रेस विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर किसानों पर लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की मांग की। चढूनी ने पहले भी लाठीचार्ज में शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी।
उन्होंने करनाल में लाठीचार्ज में कथित रूप से घायल होने के बाद जान गंवाने वाले हुए एक किसान के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और Farmer Protest सरकारी नौकरी देने की मांग की थी। वहीं, प्रशासन का कहना है कि किसान की मौत पुलिस की कार्रवाई से नहीं बल्कि दिल का दौरा पड़ने से हुई। चढूनी ने अन्य घायल किसानों को दो-दो लाख रुपये देने की भी मांग की है।