जबलपुर। एनएचएआई यानी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को एक किसान की जमीन का मुआवजा न देना भारी पड़ गया है। जिला अदालत के आदेश के बाद जिला अदालत के नाजरात विभाग के अधिकारियों ने एनएचएआई के ऑफिस में कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी है।
NHAI ने किसान को नहीं दी थी रकम
दरअसल जबलपुर मंडला फोर लेन नेशनल हाईवे के निर्माण के दौरान एनएचएआई ने कटियाघाट के पास किसान रोहित गुप्ता की करीब डेढ़ एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। लेकिन एनएचएआई ने गलत तरीके से मुआवजे की राशि का निर्धारण कर दिया।
7 सालों से अटका है 5 करोड़ मुआवजा
किसान की जमीन की कीमत एक करोड रुपए तय की गई इसके बाद किसान रोहित गुप्ता ने कमिश्नर ऑफिस में याचिका दायर की और जमीन की कीमत बाजार भाव के हिसाब से तकरीबन 5 करोड़ रुपए तय की गई।
NHAI ने की HC के आदेश की अवमानना
कमिश्नर के आदेश के कोर्ट बावजूद भी एनएचएआई ने मुआवजे की रकम नहीं दी। जिसके बाद किसान ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वहां भी हाईकोर्ट ने कमिश्नर कोर्ट के आदेश पर मोहर लगा दी और मुआवजे की राशि तय कर दी लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद भी एनएचएआई के अधिकारियों ने किसान को मुआवजा नहीं दिया।
जिला कोर्ट ने दिया कुर्की का आदेश
इसके बाद एक बार फिर किसान की ओर से जिला अदालत में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना पर अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कुर्की के आदेश दे दिए इस आदेश के परिपालन में जिला अदालत के नाजरत विभाग के अधिकारियों ने एनएचएआई ऑफिस से 5 करोड़ रुपए की संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि उसे उम्मीद है कि अब जल्द ही उसका मुआवजा मिल जाएगा क्योंकि पिछले 7 सालों से वह अपनी जमीन के उचित मुआवजे की लड़ाई लड़ रहा है।
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