CG Soron News: वैसे तो आपने देखा होगा की सनातन धर्म में व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका पिंडदान किया जाता है। लेकिन उत्तरप्रदेश में एक अनोखी घटना सामने आई है।
जहां दो किसान भाईयों ने सोरों में अपने बैलों का पिंडदान किया है। इतना ही नहीं दोनों भाईयों ने बैलों का अंतिम संस्कार कर उनकी अस्थियों का विसर्जन किया है।
दोंनो बैलों की तेरहवीं भोज 26 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा.जिसके लिए शोकपत्र भी छपवाया गया है।
विधि-विधान से किया अंतिम संस्कार
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के गांव बाग खेड़ा में रहने वाले दो किसान भाई भवानी सिंह और उल्फत सिंह के बैल माना और श्यामा की तीन महीने पहले मृत्यु हो गई थी।
जिसके बाद दोनों ही बैलों का अंतिम संस्कार द्वारा पूरे विधि-विधान के साथ किया गया है।
दोनों भाईयों ने रविवार को बैलों की अस्थियां का पूजा-पाठ के बाद हरि की पौड़ी गंगा में अस्थियों का विसर्जन किया।
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पिता के सामान थे माना-श्यामा
बैलों का पालन पोषण करने वाले भवानी सिंह का कहना है कि, ‘उन्होंने 30 साल पहले माना-श्यामा दो बैलों को पाला था। इन बैलों से दोनों खेती का काम करते थे।
जिससे हमारे परिवार का भरण-पोषण हुआ करता था, इसलिए हम उन्हें पिता की तरह सम्मान देते थे।
बैलों की अस्थियां विसर्जन कराने वाले के पंडित ने कहा, ‘सनातन में सभी जीवों को एक समान माना गया है। सभी परमात्मा के अंश हैं। किसान बैलों को अपने पुत्र और पिता की तरह मानते हैं।
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