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Fake DSP Fraud: MP के JCB ऑपरेटर ने DSP बनकर आदिवासी महिला से 72 लाख ठगे, 7 साल बाद खुला राज, CG पुलिस ने किया गिरफ्तार

Fake DSP Fraud Case : छत्तीसगढ़ में पुलिस भर्ती दिलाने के नाम पर एक आदिवासी महिला से 7 साल तक फर्जी डीएसपी बनकर 72 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। पूरा मामला जानिए।

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Shashank Kumar
CG Fake DSP Fraud Case

CG Fake DSP Fraud Case

CG Fake DSP Fraud Case : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में नौकरी दिलाने का सपना दिखाकर की गई करोड़ों जैसी ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक आदिवासी महिला ने सोचा कि उसके बेटों का भविष्य सरकारी वर्दी में सुरक्षित हो जाएगा, लेकिन सात साल की उम्मीद अंत में दर्दनाक धोखे में बदल गई। मामला तब सामने आया जब लंबे समय तक वादा पूरा ना होने पर महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

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[caption id="attachment_932177" align="alignnone" width="646"]CG Fake DSP Fraud Case ठगी की शिकार हुई आदिवासी महिला ललकी बाई।[/caption]

सोशल मीडिया पर असली DSP की फोटो

कुसमी थाना पुलिस के अनुसार महिला ने शिकायत में जिस पुलिस अधिकारी का नाम लिया, वह मध्यप्रदेश के रियल DSP संतोष पटेल हैं, जिनके सोशल मीडिया पर 2.2 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। पुलिस जांच के बाद टीम बालाघाट पहुंची, जहां वास्तविक अधिकारी वर्तमान में हॉक फोर्स में असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में तैनात मिले। जांच के दौरान सामने आया कि असली अधिकारी की वर्दी वाली फोटो का दुरुपयोग किया गया है और पीड़िता लगातार उसी भ्रम में पैसे भेजती रही।

वीडियो कॉल पर भी महिला को यकीन नहीं आया

जब असली अधिकारी खुद वीडियो कॉल पर आए और महिला को सच्चाई बताई, तब भी पीड़िता ने कई बार कहा- “तुमने ही पैसे लिए हो, अब पुलिस डर से सच बोल रहे हो।” महिला का कहना था कि आरोपी कभी कैमरा ऑन नहीं करता था और आवाज में ही खुद को DSP बताता था। इससे पूरे मामले की रहस्यमयता और गंभीरता साफ झलकती है।

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29 वर्षीय जेसीबी ऑपरेटर कर रहा था ठगी

[caption id="attachment_932179" align="alignnone" width="1088"]CG Fake DSP Fraud Case डीएसपी संतोष पटेल की फोटो वाट्सएप पर लगाकर सीधी के जेसीबी ऑपरेटर संतोष पटेल ने की ठगी[/caption]

पुलिस की तकनीकी और मानवीय जांच के बाद आरोपी की पहचान संतोष पटेल (उम्र 29) के रूप में हुई, जो मध्यप्रदेश के सीधी जिले का रहने वाला और पूर्व में सड़क निर्माण कार्य में जेसीबी ऑपरेटर था। साल 2016 में उसकी पहचान कंजिया गांव की महिला से हुई थी और उसने झूठा दावा किया था कि “मेरी नौकरी भी पैसे देकर लगी है, तुम्हारे बेटों को भी भर्ती करा दूंगा।”

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जमीन बेचकर, उधार लेकर भेजे 72 लाख रुपए

पुलिस के अनुसार आरोपी ने 2018 से 2025 तक फोन-पे और अन्य माध्यमों से लगातार पैसे मंगवाए। महिला ने रिश्तेदारों से कर्ज लेकर, जमीन गिरवी रखकर और अंत में बेचकर रकम जुटाई। आरोपी लगातार बहाने और नए फर्जी प्रोसेस बताकर रकम बढ़ाता रहा, जबकि उसी समय सोशल मीडिया पर असली DSP की लोकप्रियता बढ़ते देख उसका झूठ और मजबूत होता गया।

पुलिस ने गिरफ्तार कर शुरू की आगे की जांच

छत्तीसगढ़ पुलिस ने 12 नवंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि सभी पैसे उसने निजी खर्च, मोबाइल, घूमने और शौक पूरे करने में खत्म कर दिए। पुलिस अब इस मामले में डिजिटल लेन-देन, मोबाइल रिकॉर्ड और बैंक ट्रेल की जांच कर रही है ताकि सामने आ सके कि क्या इसमें किसी और की भूमिका भी शामिल थी।

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