नई दिल्ली। अगर सैन्य विमानों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर हवाई जहाज (Airplane) का रंग सफेद होता है। अगर आपने इस पर गौर किया है तो आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि ऐसा क्यों होता है। हवाई जहाज को किसी और रंग में क्यों नहीं रंगा जाता? आइए आज जानते हैं इसके पीछे की वजह।
विमान का रंग सफेद होने के पीछे वैज्ञानिक और आर्थिक दोनों कारण हैं। पहले जानते हैं वैज्ञानिक कारण।
गर्म होने से बचाता है सफेद रंग
प्लेन को इस लिए सफेद रखा जाता है ताकि उसे गर्मी से बचाया जा सके। प्लेन आसमान में हो या रनवे पर, उसे ज्यादातर समय धूप में ही रहना पड़ता है। उसपर सीधे सूरज की किरणें पड़ती हैं, किरणों में इंफ्रारेड रेज होती हैं जिससे भयंकर गर्मी पैदा होती है। ऐसे में सफेद रंग प्लेन को गर्म होने से बचाता है। सफेद रंग को एक अच्छा रिफ्लेक्टर माना जाता है। ये सूर्य की किरणों को 99% तक रफ्लेक्ट कर देता है जिससे प्लेन गर्म नहीं होते हैं।
आसानी से दिखता है डेंट
इसके अलावा सफेद रंग होने की वजह से प्लेन में किसी तरह का डेंट या क्रैक होने पर आसानी से देखा जा सकता है। अगर प्लेन का कलर सफेद की बजाय कुछ और होगा तो डेंट छिप जाएगा। ऐसे में सफेद रंग प्लेन के निरिक्षण में भी मददगार होता है।
वजन कम होता है
दूसरे कलर्स की तुलना में सफेद रंग का वजन भी कम होता है। इस कारण से भी इसका इस्तेमाल प्लेन में किया जाता है। जब प्लेन को सफेद रंग में रंगा जाता है तो रंग के कलर से प्लेन का भार ज्यादा नहीं बढ़ता। जबकि प्लेन को रंगने में किसी और रंग का इस्तेमाल किया जाएगा तो उसका वजन बढ़ सकता है।
आर्थिक कारण
वैज्ञानिक कारण के अलावा आर्थिक वजह यह है कि सफेद संग के जहाज की रीसेल वैल्यू ज्यादा होती है। वहीं हमेशा धूप में रहने की वजह से कोई और रंग तेजी से खराब होगा, ऐसे में प्लेन को बार-बार रंगना पड़ेगा। इस खर्च से बचने के लिए भी इसे हमेशा सफेद रंग से ही रंगा जाता है।