Fact Check: केंद्र सरकार ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की है। जिन्हें अगले तीन महीनों में लागू किया जाएगा। लेकिन सरकार की इस घोषणा के बाद से ही एक न्यूज वायरल हो रही है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि सभी सोशल मीडिया अकाउंट को तीन महीने के अंदर मोबाइल फोन के माध्यम से सरकारी आईडी से वेरिफिकेशन किया जाएगा। लेकिन इस खबर को लेकर पीआईबी फेक्ट चैक (PIB Fact Check) ने इस तरह के दावों का खंडन किया है।
पीआईबी फेक्ट चैक (PIB Fact Check) ने इस तरह के दावों का खंडन किया है और ट्वीट कर स्पष्टीकरण दिया और रिपोर्ट को गलत बताया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर एक ओटीपी से वेरीफिकेशन हो जाता था, लेकिन नए नियम में ये आईडी मांगेंगे। अभी ये ऑप्शनल है, लेकिन अनिवार्य हो सकता है।’
#Claim
All social media accounts need to be verified with a Government ID through mobile phones within 3 months.#PIBFactCheck
This claim is Misleading. Verification of accounts is not mandatory.#Conclusion
MisleadingRead here- https://t.co/aQr6PDlePs pic.twitter.com/vPaqQqasqo
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) February 26, 2021
क्या है सरकार की नई गाइडलाइन
– केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किसी आपत्तिजनक पोस्ट की शिकायत पर 24 घंटे में हटाना होगा।
– अगर कोई व्यक्ति देश की एकता-अखंडता, सामाजिक व्यवस्था, दुष्कर्म जैसे मामलों में की गई आपत्तिजनक पोस्ट और संदेश को सहसे पहले पोस्ट करने वाले को पहचान बतानी होगी।
– आपत्तिजनक पोस्ट व संदेश को बढ़ावा देने वाले को कम से कम पांच साल की जेल होगी।
OTT प्लेटफॉर्म के लिए बनेंगी तीन श्रेणियां
– इसके अलावा ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए तीन श्रेणियां बनेंगी। डिजिटल मीडिया को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह सेल्फ रेगुलेशन करना होगा।
– वहीं शिकायत निपटाने के लिए एक तंत्र बनाया जाएगा। जिसमें एक भारतीय अधिकारी की नियुक्ति होगी। इस अधिकारी को 24 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज करनी होगी और 15 दिन में निपटारा करना होगा।
– OTT को पैरेंटल लॉक की व्यवस्था करनी होगी। जिससे अभिभावक अपने बच्चों के लिए ऐसे कंटेंट को ब्लॉक कर सकें, जो उनके लिए सहीं नहीं है।
– फिल्मों की तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म को भी कंटेंट उंम्र के हिसाब से तय करना होगा।
– न्यूज पोर्टल्स के लिए एक सरकारी बॉडी बनेगी। यह प्रकाशक को चेतावनी, कंटेंट हटाने जैसे निर्देश दे सकेगी।
– यूट्यूब पर चैनल चलाने वालों को भी सरकार को जानकारी देनी होगी कि वो न्यूज संबंधित चैनल चलाते हैं।