/bansal-news/media/post_attachments/wp-content/uploads/2024/07/viral-picture-.jpg)
Fact Check news: सोशल मीडिया के इस दौर में किसी भी ख़बर को पढ़ने से पहले यह जानना बेहत ज़रूरी है कि ये ख़बर सच है या नहीं! क्योंकि आज के इस दौर में रोजाना कई फेक ख़बरें बड़ी ही तेजी से प्रसारित की जा रही है.
इन दिनों पाकिस्तान से जुड़ी हुई एक हैरान कर देने वाली खबर वायरल हो रहीं है. इस खबर को सुन हर कोई चौक गया क्योंकि इसमें दावा किया जा रहा था कि पाकिस्तान में अपनी बेटियों के शवों को ब्लात्कारियों से बचाने के लिए उनकी कब्र पर परिजन ताले लगा रहे हैं.
देंखे वायरल इमेज:
/bansal-news/media/post_attachments/wp-content/uploads/2023/05/viral-image.jpg)
हालांकि, पड़ताल के बाद जो सच्चाई निकलकर सामने आई है, उसे सुन आप भी दंग रह जायेंगे. ये वायरल तस्वीर सबसे पहले लेखक हैरिस सुल्तान ने ट्वीट की थी. उन्होंने इस तरह के काम करने के लिए कट्टरपंथी इस्लामवादी विचारधारा को दोषी ठहराया गया था. उन्होंने अपने ट्वीट में कब्र पर ताले वाली तस्वीर शेयर करते हुए पाकिस्तान पर "यौन कुंठित समाज" बनाने का आरोप लगाया था.
सच्चाई सुन आप भी रह जायेंगे दंग
बता दें कि पड़ताल के बाद ये बता सामने आई कि ये तस्वीर पाकिस्तान की नहीं बल्कि भारत की है. इस बात का ख़ुलासा भी एक ट्विट के जरिये ही किया गया. दरअसल, ऑल्ट न्यूज ने ट्वीट के जरिये बताया कि हरे रंग की ग्रिल वाली ये तस्वीर भारत के हैदराबाद शहर की है.
देंखे वायरल वीडियो:
https://twitter.com/Delhiite_/status/1652681834193629184?s=20
उन्होंने इस बता का भी ख़ुलासा किया कि कब्र पर इन ग्रिल्स और ताले का इस्तेमाल क्यों किया गया? स्थानीय लोगों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोई बिना अनुमति के पुरानी कब्रों पर शवों को न दफनाए इसके लिए ये ताले लगाये गए है. साथ ही जो तस्वीर वायरल हुई है, वह एक बूढ़ी औरत को दफनाए हुए कब्र की थी, जिस पर खुद उसके बेटे ने ग्रिल लगाई थी. वायरल तस्वीर की सच्चाई सामने आने के बाद लेखक हैरिस सुल्तान ने इसे अपने ट्विटर अकाउंट से हटा दिया है.
पुराने मामले से जोड़कर वायरल की तस्वीर
खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान में 2011 में एक नेक्रोफिलिया का मामला सामने आया था. जब उत्तरी नजीमाबाद, कराची से मुहम्मद रिजवान नाम के एक कब्रिस्तान के गार्ड को 48 लाशों के साथ बलात्कार करने की बात कबूल करने के बाद गिरफ्तार किया गया था.
इसी पुराने मामले को एक नई तस्वीर के साथ जोड़कर अलग ही कहानी बनाकर वायरल किया गया था. फिलहाल, इस वायरल तस्वीर की सच्चाई सुन हर कोई हैरान रह गया. इससे आप अंदाजा भी लगा सकते है कि किस तरह लोग सोशल मीडिया के जरिये अफवाहों का बाजार गर्म करते है.
ये भी पढ़ें:
International Labour Day 2023: क्यों मनाया गया मजदूर दिवस? जानें इतिहास और इस साल की थीम
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें