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Facebook-Twitter New Policy: अब जल्द ही सोशल मीडिया यूजर्स कर सकेगें शिकायत ! बनने जा रही है सख्त कानून वाली कमेटी

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Bansal News
Facebook-Twitter New Policy: अब जल्द ही सोशल मीडिया यूजर्स कर सकेगें शिकायत ! बनने जा रही है सख्त कानून वाली कमेटी

Facebook-Twitter New Policy: अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और ट्वीटर पर नहीं चलेगा चलताऊ रवैया जी हां जल्द ही सोशल मीडिया यूजर्स के लिए सरकार नया प्लान लेकर आ रही है जिसमें अब यूजर्स प्लेटफॉर्म पर मिल रही दिक्कतों की शिकायत कर सकते है। यहां पर सरकार आने वाले 3 महीनों में एक ग्रीवांस कमेटी का गठन करने जा रही है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को गजट नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी दी है।

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जानें कैसे काम करेगी कमेटी

आपको बताते चलें कि, यह कमेटी केंद्र सरकार की ओर से मनाई जा रही है जिसमें एक अध्यक्ष और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे। इन सदस्यों में से एक पदेन सदस्य होगा और दो स्वतंत्र सदस्य होंगे। ग्रीवांस अधिकारी के डिसिजन से असंतुष्ट कोई भी व्यक्ति शिकायत अधिकारी से बातचीत होने के 30 दिनों के भीतर इस समिति के सामने अपील कर सकेगा। वहीं पर नोटिफिकेशन के मुताबिक बात करें तो, ग्रीवांस अपीलेट पैनल (GAP) का 90 दिनों के भीतर का गठन होगा। इसके बाद से यूजर्स अपनी शिकायतें दर्ज करवा पाएंगे। अगर पैनल के पास किसी सेंसटिव मामले पर शिकायत आती है तो टेक कंपनी को 24 घंटे के अंदर एक्शन लेना होगा। कमेटी का काम यह भी होगा कि, अगर कंपनी को आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने के संबंध में शिकायत मिलती है तो प्राथमिक कार्रवाई 72 घंटे के भीतर करनी होगी। किसी अन्य तरह की शिकायत पर 15 दिनों के भीतर कार्रवाई करनी होगी, ताकि कंटेंट वायरल न हो सके।

कमेटी को होगा ये अधिकार

बताया जा रहा है कि, कमेटी के जो भी नियम होगे वे सोशल मीडिया कंपनी को मानना जरूरी होगा। जो कमेटी डिजिटल मॉडल पर काम करेगी यानी ऑनलाइन सुनवाई होगी। देश का प्रत्येक नागरिक इस पैनल में शिकायत कर सकता है। पैनल जिस प्लेटफार्म के खिलाफ फैसला जारी करेगा, उसे अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करना होगा। अगर पैनल किसी पीड़ित यूजर्स को मुआवजा देने का फैसला सुनाता है तो टेक कंपनी को दिए गए समय पर मुआवजा देना होगा। बताते चलें कि, कोरोना काल के दौरान ट्विटर ने सरकार की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया था।

जानें टेक कंपनियों को किन बातों को देना होगा ध्यान

  • टेक कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म में अश्लील, अपमानजनक, बाल यौन शोषण, किसी की प्राइवेसी का उल्लंघन करने वाला कंटेंट, जाति-जन्म के आधार पर उत्पीड़न करने वाले कंटेट बिल्कुल भी पब्लिश न हों।
  • धार्मिक उन्माद फैलाने वाले या फिर भड़काऊ भाषण, किसी भी कानून का उल्लंघन करने वाले कंटेट का प्रचार नहीं किया जाए।
  • भारत की एकता, अखंडता, रक्षा, सुरक्षा, संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाला कंटेट नहीं होना चाहिए।
  • वायरस/स्पैम फैलाने वाली सामग्री, किसी भी व्यक्ति या संस्था को ठगने वाले कंटेंट का प्रचार नहीं किया जाएगा।
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