नई दिल्ली। सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक (Facebook) ने अब अपना नाम बदलकर ‘मेटा’ (META) कर लिया है। गुरूवार को इसकी घोषणा कंपनी के सीइओ मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने की। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही पता चला था कि कंपनी जल्द ही अपने नए नाम का ऐलान कर सकती है। लेकिन बहुत से लोग जानना चाहेंगे कि कंपनी ने अपना नाम क्यों बदला? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कंपनी ने ऐसा क्यों किया?
इस कारण से बदला नाम?
दरअसल, कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग चाहते थे कि उनकी कंपनी को केवल एक सोशल मीडिया कंपनी के तौर पर ना जाना जाए। क्योंकि उनकी कंपनी सोशल मीडिया से आगे बढ़कर मेटावर्स वर्ल्ड की तैयारी कर रही है। कंपनी अपने इस काम के लिए अलग से 10 हजार और लोगों को हायर करेगी। ऐसे में अब सवाल उठता है कि ये मेटावर्स क्या है?
मेटावर्स क्या है?
मेटावर्स को आप वर्चुअल रियलिटी के तौर पर समझ सकते हैं। यानी एक ऐसी दुनिया जहां लोगों की मौजूदगी डिजिटल तौर पर रहेगी। लोग डिजिटली एक दूसरे से मिल सकेंगे। आसान भाषा में इसे समझें तो आप में से अधिकतर लोग पौराणिक कथाओं में ‘नाराद’ के किरदार से अवगत होंगे। नारद के बारे में कहा जाता है कि वे पल भर में नारायण के पास तो दूसरे पल में महादेव के समक्ष हाजिर हो जाते थे। समझ लें कि मेटावर्स टेक्नोलॉजी में भी कुछ ऐसा ही होने वाला है।
कई कंपनियां इस तकनीक पर काम कर रही हैं
फेसबुक समेत दुनिया भर की कई टेक्नोलॉजी कंपनियां इस तकनीक पर काम कर रही हैं। खासकर वीडियो गेम कंपनियां तो इस तकनीक को हाथों हाथ ले रही हैं। जानकार भी मान रहे हैं कि यह भविष्य की तकनीक है जो मौजूदा दुनिया को पूरी तरह से वर्चुअल बना देगी। बतादें कि फेसबुक इस तकनीक पर इस साल 10 अरब डॉलर की राशि खर्च करने जा रही है।
अन्य डिवाइसों की जरूरत पड़ेगी
बतादें कि अभी तक वर्चुअल वर्ल्ड को आप केवल अपने स्क्रीन पर देखते थे। लेकिन मेटावर्स इससे काफी आगे की चीज है। इस तकनीक के माध्यम से आप एक-दूसरे से आपस में मिल सकेंगे, काम कर सकेंगे और खेल सकेंगे। इसके लिए आपको वर्चुअल रियलिटी हेडसेट्स, ऑगमेंटेड रियलिटी ग्लासेस, स्मार्टफोन ऐप्स और अन्य डिवाइसों की जरूरत पड़ेगी।
पलक झपकते ही सामने होंगी सारी चीजें
इसमें ऑनलाइन लाइफ की अन्य चीजों जैसे शॉपिंग और सोशल मीडिया को भी शामिल किया जा सकता है। वेबसाइट एबीसीन्यूज डॉट गो डॉट कॉम पर टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट विक्टोरिया पेट्रोक के हवाले लिखी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कनेक्टिविटी के क्षेत्र में काफी आगे की चीज है, जहां सभी चीजें पलक झपकते आपके सामने होंगी। ऐसे में आप जिस तरह से अपना फिजिकल लाइफ जी रहे हैं ठीक उसी तरह वर्चुअल लाइफ भी जी पाएंगे। हालांकि यह तकनीक कब तक संभव होगी यह कहना जल्दबाजी होगी। फेसबुक ने भी माना है कि इस तकनीक को अमल में लाने में लंबा समय लग सकता है।
इसके फायदे
मेटावर्स की कल्पना एक ऐसी चीज के रूप में की जा रही है जिसमें आप अपने घर बैठे अपनी पसंद की दुनिया या जगह पर पहुंचकर उसका लाइव आनंद ले सकते हैं। अभी तक आप मोबाइल फोन पर वीडियो कॉल कर किसी जगह या अपने पसंद के किसी लाइव शो का आनंद ले सकते हैं, लेकिन मेटावर्स इससे काफी आगे की चीज है। इसमें आप डिजिटल क्लॉथिंग (digital clothing) के जरिए एक वर्जुअल दुनिया में एंट्री कर लेंगे। यानी फिजिकली आप अपने घर में हैं लेकिन आपका दिमाग खास डिजिटल उपकरणों की सहायता से वर्चुअल दुनिया में विचरण करा रहा होगा।
पूरे कंसेप्ट को बदल देगा मेटावर्स
मेटावर्स वर्क फ्रॉम होम जैसी स्थिति के लिए गेम चेंजर हैं। आप कोविड काल में घर से काम करते वक्त अपने साथियों से वीडियो कॉल पर मीटिंग करते हैं। लेकिन मेटावर्स इसके पूरे कंसेप्ट को बदल सकता है। इसमें एक दूसरे को वीडियो कॉल पर देखने की बजाय सभी एक वर्चुअल दुनिया में एक साथ काम कर सकते हैं। वे वहां एक दूसरे को देख सकते हैं।
पेरेंट कंपनी का नाम बदल गया है, ऐप का नाम वही रहेगा
मेटावर्स की दुनिया में आगे बढ़ने के लिए फेसबुक ने अब अपना नाम बदलकर मेटा कर लिया है और जल्द ही कंपनी की ओर से कई बड़ी घोषणाएं सामने आ सकती हैं। बता दें कि नाम बदलने से यूजर्स को कोई समस्या नहीं होगी। क्योंकि कंपनी ने अपने पेरेंट कंपनी के नाम में बदलाव किया है। यानी फेसबुक का बतौर कंपनी नाम बदलकर मेटा किया गया है। वहीं, कंपनी के बाकी प्लेटफॉर्म्स वही रहेंगे और उन्हें उसी नाम से जाना जाएगा, जिस नाम से पहले जाना जाता था। जैसे- फेसबुक, इंस्ट्राग्राम और वॉट्सऐप।