Tutankhamun Daggers : दुनिया में ऐसे कई रहस्य है जिनके बारे में जानना किसी कठिनाई से कम नहीं है। कुछ रहस्य ऐसे भी है जो सैकड़ो और हजारों साल पुराने है, तो कुछ रहस्य ऐसे है जिनसे आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है। हालांकि वैज्ञानिक ऐसे रहस्यों को लेकर लगातार शोध करने में जुटे हुए है। वैसे तो वैज्ञानिक कई रहस्यों के बारे में खुलासा कर चुके है। इन्ही में से एक ऐसा रहस्य है जो वैज्ञानिकों के लिए पहेली बना हुआ था। लेकिन वैज्ञानिको ने इसके रहस्य को सुलझा लिया है।
दरअसल, हम बात कर रहे है तूतनखानूम के खंजर की। वैज्ञानिकों के लिए तूतनखानूम के खंजर का रहस्य एक पहेली बना हुआ था। लेकिन यह खंजर कहा से आया, कैसे आया और किससे बना हुआ है। खंजर को बनाने में किस लोहे का इस्तेमाल किया गया। वैज्ञानिकों को अनुसार खंजर को बनाने में जिस लोहे का इस्तेमाल किया गया है। वह उल्कापिंड के जारिए धरती पर पहुंचा था। इस खंजर को उल्कापिंड जिसे ऑक्टाहेड्राइट से बनाया गया है।
खंजर बनाने में उल्कापिंड के लोहे का इस्तेमाल?
मिरर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार तूतनखानूम के खंजर को लेकर चिबा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की टीम ने खंजर से जुड़े रहस्यों का पता लगाने के लिए कई शोध किए। शोध में रासायनिक विश्लेषण का भी सहयोग लिया गया। शोध में खुलासा हुआ है कि खंजर कैसे बनाया गया। हालांकि इससे पहले साल 2016 में पेरिस के पियरे एंड मैरी क्यूरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी एक शोध में बताया था कि यह खंजर किसी उल्कापिंड के लोहे से बनाया गया है।
तूतनखानूम की कब्र से किला था खंजर
खबरों के अुनसार यह खंजर करीब 100 साल पहले तूतनखानूम की कब्र से मिला था। अध्ययम में यह भी पता चला है कि इस लोहे के खंजर पर निकेल की परत चढ़ाई गई थी। इसे खंजर का रूप देने के लिए करीब 800 डिग्री सेल्सियस तापमान पर गलाया गया था । लेकिन सवाल यह उठता है कि जब यह खंजर बनाया गया था, उस दौरान लोहे को गलाने की प्रक्रिया लोगों को पता नहीं थी। इसलिए आखिरकार खंजर कैसे बनाया गया, जिसका रहस्य अभी तक सुलझ नहीं पाया है।