Breast Cancer Reason: महिलाओं में ब्रेस्ट कैंस का खौफ बढ़ता चला जा रहा हैं। ब्रेस्ट कैंसर भारत की महिलाओं के लिए एक अहम समस्या बन गया है। लेकिन अब छत्तीसगढ़ से चौकानें वाले आकंडे सामने आए हैं। इन आकड़ों के मुताबिक प्रदेश में पिछले 10 सैलून में ब्रैस्ट कैंसर से 26.43% बढ़ गई है यानी 15 हजार 325 महिलाओं की मौत हुई है।
इतना ही नहीं ये आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. जिससे हर दिन प्रदेश में 4 महिलाओं की जान ब्रैस्ट कैंसर से जा रही है।
30 प्रतिशत महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर
पिछले कुछ सालों में लगभग हर साल 30 प्रतिशत महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार होती हैं। ऐसे में उन्हें इसके बारे में जागरूक करना बेहद जरूरी हैं। लेकिन, क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया हैं कि आखिर क्यों शहरी महिलाओं में ग्रामीण महिलाओं से ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर का खतरा देखा गया है।
आखिर क्यों ग्रामीण महिलाएं ज्यादा हेल्दी रहती हैं और एक अच्छी लाइफस्टाइल को बढ़ावा देती हैं। आइये जानते हैं शहरी महिलाओं में अधिकतम ब्रेस्ट कैंसर के कारण!
छत्तीसगढ़ में क्यों बढ़ रहा है आंकड़ा
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में लोगों की लाइफस्टाइल बदल रही है. इसके कई कारण हैं जैसे देर से शादियां करना, ब्रैस्ट फीडिंग न करना। रिपोर्ट्स में आगे कहा गया कि प्रदेश में महिलाओं को परेशानी होती है तो वे इगनोर कर देती हैं. इसके अलावा इलाज का खर्चा ज्यादा होने के कारण महिलाएं लापरवाही करते हैं.
क्योंकि माहिलाओं की निर्भरता पुरुषों पर ज्यादा है. जिससे वे ब्रैस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता नहीं ले पाती है. इसके अलावा कई महिलाएं ब्रा के गलत साइज़ और फैब्रिक के कारण कैंसर होने की बात कहते हैं. डॉक्टरों का माना है कि आपको रात के वक्त ब्रा नहीं पहनना चाहिए. इसके लावा पैडेड ब्रा वियर करने को इगनोर करें, अपने ब्रैस्ट साइज़ से छोटी ब्रा पहनने से खतरा बढ़ सकता है.
क्या हैं शहरी महिलाओं के पीड़ित होने का कारण
ये चीज देखी गई है कि अधिकतर शहर में रहने वाली महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की समस्या से पीड़ित होती हैं। आप चाहे हिना खान को देखे या सोनाली बेंद्रे को, ये हमें सोचने पर मजबूर करता है की आखिर शहर की महिलाओं में इतने घातक बीमारी के आम होने के कारण क्या है!
लाइफस्टाइल
अगर एक्ट्रेसेज की बात करें तो इसका सबसे बड़ा कारण उनकी अनुचित जीवनशैली हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सोने, उठने, खाने और पीने का समय नियंत्रित होता है जिसके कारण वे खुद को स्वस्थ बनाएं रखती हैं। इसके साथ ही उनकी हेल्दी लाइफस्टाइल, बैलेंस्ड डाइट और उचित जीवन शैली उन्हें हेल्दी जीवन जीने में मदद करती हैं।
दूसरी तरफ एक्ट्रेसेज की जीवन शैली को देखा जाए तो पार्टी कल्चर, अल्कोहल का उपयोग, एक्सरसाइज की कमी और खासकर के ब्रेस्ट ट्रांसप्लांट इसका सबसे बड़ा कारण हैं। इसके साथ अधिक स्ट्रेस,गलत आदतें, और खराब डाइट शामिल होते हैं जो ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ावा देते हैं।
रिप्रोडक्टिव पैटर्न्स
शहरी क्षेत्रों में महिलाएं अक्सर कई कारणों से चाइल्ड बर्थ में देरी करती हैं जो ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा देता हैं। बड़े शहरों में अक्सर देखा गया हैं की अच्छे करियर और काम की तलश में महिलाएं अपनी हेल्थ को नजरअंदाज करती हैं।
हालांकि ये बात साइंटिफिक तौर पर सिद्ध की गई है की 30 साल की उम्र तक हेल्दी चाइल्ड बर्थ होता है और इस उम्र के बाद कई परेहनियों का सामना भी करना पड़ सकता है। ब्रेस्ट कैंसर उन घातक परेशानियों में से एक हैं।
साथ ही ये भी माना जाता है की सही ढंग से ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवाने से भी इसका खतरा बढ़ सकता है।
हेल्थ केयर
शहर में सभी प्रकार के इलाज होने के बावजूद भी महिलाएं इससे पीड़ित होती हैं। इसे पहचानना कठिन है क्यों की ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग आमतौर पर केवल 40 वर्ष के बाद करायी जाती है जिससे इसे पहचानने में देरी हो सकती हैं।
इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता की बॉलीवुड सेलेब्स के ठीक होने का सबसे बड़ा कारण महंगे इलाज और केयर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां लोगों को उचित इलाज नहीं मिल पाता या किसी कारण इसका खर्च नहीं उठा पाते, वहां कैंसर से मरने वाली महिलाओं की संख्या शहर से आधी हैं।
वातावरण
वातावरण में मौजूद कुछ केमिकल, रेडिएशन और पॉल्युशन कैंसर के मुख्य कारण हो सकते हैं। इनमे इंडस्ट्री से निकलने वाले केमिकल्स, जैसे कि बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड और डाइऑक्साइन, हाई टेम्परेचर या रेडिएशन के अवशेष जैसे आयोनाइजिंग रेडिएशन , ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं।
भारत में क्या कहता है आंकड़ा
इसके साथ शहरों में भी कैंसर से डेथ रेट काफी बढ़ गया हैं। अगर भारत की बात की जाए तो हर साल 100000 महिलाओं में से 126 महिलाएं कैंसर के कारण अपनी जान से हाथ धो बैठती हैं। पीड़ित महिलाओं में सबसे आम ब्रेस्ट कैंसर को देखा गया हैं।
कैंसर एक जानलेवा हेल्थ कंडीशन है जिसके लिए उचित मेडिकल सहायता जरूरी है। लेकिन ऐसे कई स्थितियां हैं जहां उचित इलाज के बाद भी इसे ठीक नहीं किया जा सकता।
ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ने के कारण
ओवेरियन और सर्वाइकल कैंसर से ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामलों की वजह इसके बारे में कम ज्ञान और स्क्रीनिंग, लाइफ स्टाइल में बदलाव (चाइल्ड बर्थ, ब्रेस्ट फीडिंग, मोटापा), और जेनेटिक कारक (BRCA म्यूटेशन) हैं।
साथ ही इसे डिटेक्ट करना मुश्किल होता है। इसके विपरीत, ओवेरियन कैंसर में समय पर इलाज न होने से लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
क्या है इससे बचने के उपाय?
ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता, इसके लक्षण, समस्याएं, और सेल्फ-एग्जामिनेशन के तकनीकों का ज्ञान समय पर इलाज के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, हेल्दी लाइफ स्टाइल जैसे बैलेंस डाइट, डेली एक्सरसाइज ,अच्छी नींद, और नियमित जांचें भी उतने ही जरूरी हैं। ये कदम पहले निदान की ओर ले जा सकते हैं और मरीज के परिणामों में सुधार कर सकते हैं।
सेलेब्स की कैंसर से जंग
एक्ट्रेस हिना खान ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो चुकी हैं। लेकिन इसके पहले ऐसी कई एक्ट्रेसेस हैं जिन्होंने कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ी लेकिन उससे हार नहीं मानी और ठीक होकर मौत के मुंह से वापस लौट आए। ऐसी कुछ एक्ट्रेसेज में मनीषा कोइराला, सोनाली बेंद्रे, ताहिरा कश्यप, लीजा रे आदि शामिल हैं।
सभी एक्ट्रेसेज में एक सामान्य बात हैं की जब उन्हें कैंसर का पता चला तो उनकी उम्र 40 वर्ष या उससे ज्यादा थी। अक्सर देखा गया है की कैंसर अधिकतम 40 से ज्यादा उम्र की महिलाओं को शिकार बनाती हैं।
महिलाओं में देखे जाते हैं कई तरह के कैंसर
आपको बता दे की ऐसे कई प्रकार के कैंसर जैसे प्रोस्टेट कैंसर, स्टमक कैंसर, लिवर कैंसर, ब्लैडर कैंसर आदि लोगों को पीड़ित कर सकते हैं लेकिन पुरुषों में प्रोस्टेट और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के साथ महिलाओं में कई अन्य प्रकार के भी कैंसर जैसे लंग कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्लड कैंसर आदि आम हैं। आपको बता दे कि कैंसर का इलाज आसान नहीं है और साथ ही इसे पहचानना भी कठिन हो सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग आमतौर पर केवल 40 वर्ष के बाद करायी जाती है लेकिन ब्रेस्ट सेल्फ-एग्जामिनेशन से इसे पहचाना और अर्ली स्टेज पर इसका इलाज किया जा सकता है।
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