EPS-95 Pension Scheme: कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित किया जाता है। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए है जिनका Provident Fund (PF) कटता है। इस योजना के तहत कर्मचारी को कम से कम 10 साल तक सेवा (10 years contribution) करनी होती है। रिटायरमेंट (Retirement Age) 58 साल की आयु पर पेंशन मिलना शुरू होती है।
इतनी कम क्यों मिलती है EPS पेंशन?
विशेषज्ञों का कहना है कि प्राइवेट कर्मचारियों (Private Employees Pension) को इतनी कम पेंशन मिलने का मुख्य कारण है नियोक्ता (Employer Contribution) का योगदान सिर्फ वेतन के 8.33% तक सीमित होना। यह योगदान केवल ₹15,000 की वेतन सीमा (Salary Cap) तक ही लागू होता है, यानी अधिकतम ₹1,250। इसका असर यह होता है कि भले ही किसी कर्मचारी की सैलरी ज्यादा हो, लेकिन EPS पेंशन का योगदान और भविष्य की पेंशन उसी सीमा तक सीमित रहती है।
EPS-95 पेंशन का कैलकुलेशन फॉर्मूला
कितने पेंशनभोगियों को मिल रही है कितनी पेंशन?
श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) द्वारा संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक –
- कुल 81,48,490 पेंशनभोगियों (EPS Pensioners) में से 49,15,416 को 1500 रुपये से भी कम मासिक पेंशन मिल रही है।
- सिर्फ 53,541 लोगों (0.65%) को 6000 रुपये से अधिक पेंशन मिल रही है।
- करीब 80,94,949 पेंशनर्स को 6000 रुपये से कम पेंशन मिल रही है।
- मार्च 2025 तक का डेटा यही बताता है कि हर दूसरा पेंशनभोगी सिर्फ 1500 रुपये से कम पर गुजारा कर रहा है।
क्या बढ़ेगी न्यूनतम पेंशन?
मौजूदा समय में EPS-95 के तहत Minimum Pension मात्र ₹1,000 प्रति माह है। लेकिन EPFO News Reports के मुताबिक, इसे बढ़ाकर ₹7,500 से ₹9,000 करने पर चर्चा चल रही है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो लगभग 78 लाख पेंशनर्स को राहत (Relief to Pensioners) मिलेगी।
सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों की पेंशन में क्या है फर्क?
सरकारी कर्मचारियों (Government Pension Scheme) को रिटायरमेंट के बाद नियमित और पर्याप्त पेंशन मिलती है, लेकिन प्राइवेट सेक्टर (Private Sector Employees) के कर्मचारियों को EPS-95 की सीमाओं के कारण बेहद कम पेंशन मिलती है। यही कारण है कि प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारी अक्सर पेंशन को लेकर चिंतित रहते हैं।
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ट्रेड यूनियनों की मांग और सरकार की तैयारी
ट्रेड यूनियनों (Trade Unions Demand) ने न्यूनतम पेंशन को ₹9,000 करने की मांग की है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, EPFO ने इस प्रस्ताव पर पूरी तैयारी कर ली है और जल्द ही सरकार इस पर फैसला ले सकती है। अगर यह लागू होता है तो पेंशनधारियों को महंगाई भत्ता (DA on Pension) का भी लाभ मिल सकता है।
स्पष्ट है कि EPS-95 (Employees Pension Scheme 1995) के तहत मौजूदा पेंशन बेहद कम है। लेकिन अगर सरकार न्यूनतम पेंशन को 7500 या 9000 रुपये करने का फैसला करती है तो यह प्राइवेट एम्प्लॉय के लिए बड़ा राहत भरा कदम साबित होगा।
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