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EPS-95 Pension Scheme: हर दूसरे पेंशनभोगी को ₹1500 से भी कम पेंशन, जानिए क्या है EPS-95 और कैसे काम करता है ये सिस्टम ?

EPS-95 Pension Scheme: EPS-95 पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) के तहत देश में आधे से ज्यादा पेंशनर्स को 1500 रुपये से भी कम मासिक पेंशन मिल रही है। EPFO न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500-9000 रुपये करने पर विचार कर रहा है।

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Shashank Kumar
EPS-95 Pension Scheme

EPS-95 कर्मचारी पेंशन योजना

EPS-95 Pension Scheme: कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित किया जाता है। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए है जिनका Provident Fund (PF) कटता है। इस योजना के तहत कर्मचारी को कम से कम 10 साल तक सेवा (10 years contribution) करनी होती है। रिटायरमेंट (Retirement Age) 58 साल की आयु पर पेंशन मिलना शुरू होती है।

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इतनी कम क्यों मिलती है EPS पेंशन?

EPS-95 Pension Scheme

विशेषज्ञों का कहना है कि प्राइवेट कर्मचारियों (Private Employees Pension) को इतनी कम पेंशन मिलने का मुख्य कारण है नियोक्ता (Employer Contribution) का योगदान सिर्फ वेतन के 8.33% तक सीमित होना। यह योगदान केवल ₹15,000 की वेतन सीमा (Salary Cap) तक ही लागू होता है, यानी अधिकतम ₹1,250। इसका असर यह होता है कि भले ही किसी कर्मचारी की सैलरी ज्यादा हो, लेकिन EPS पेंशन का योगदान और भविष्य की पेंशन उसी सीमा तक सीमित रहती है।

EPS-95 पेंशन का कैलकुलेशन फॉर्मूला

EPS-95 (Employees’ Pension Scheme 1995) का पेंशन कैलकुलेशन फॉर्मूला EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) ने पहले से तय किया हुआ है।

EPS-95 पेंशन का कैलकुलेशन फॉर्मूला

पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × पेंशन योग्य सेवा) ÷ 70

अब फॉर्मूला के टर्म्स को समझिए

  1. पेंशन योग्य वेतन (Pensionable Salary)
    • 60 महीने (5 साल) का औसत वेतन पहले लिया जाता था।
    • 2014 के बाद नियम बदलकर अंतिम 60 महीने (5 साल) का औसत वेतन पेंशन कैलकुलेशन में शामिल किया जाता है।
    • अधिकतम पेंशन योग्य वेतन को पहले ₹6500 तक सीमित किया गया था, बाद में इसे ₹15,000 कर दिया गया।
  1. पेंशन योग्य सेवा (Pensionable Service)
    • जितने साल तक कर्मचारी ने EPS में योगदान दिया है, वही गिने जाएंगे।
    • न्यूनतम सेवा: 10 साल
    • अधिकतम सेवा: 35 साल तक मानी जाती है।
  1. 70 से भाग क्यों?
    • यह स्केल इसीलिए तय किया गया है ताकि पेंशन की अधिकतम सीमा नियंत्रित रहे।
उदाहरण के लिए मान लीजिए –
  • औसत पेंशन योग्य वेतन = ₹15,000
  • पेंशन योग्य सेवा = 30 साल

पेंशन = (15,000 × 30) ÷ 70  

पेंशन = 6,428 रुपये प्रतिमाह

इस योजना में ये है खास बातें..

  • न्यूनतम पेंशन: अभी ₹1,000 प्रतिमाह तय है (2014 से लागू)।
  • अधिकतम पेंशन: योगदान और सेवा अवधि पर निर्भर करती है, पर सामान्य स्थिति में ₹7,500–₹9,000 तक हो सकती है।

2014 के बाद EPS में ₹15,000 से ज्यादा वेतन पर योगदान optional किया गया है (Higher Pension Option)।

[caption id="attachment_881787" align="alignnone" width="1154"]EPS-95 Pension Scheme formula EPS-95 Pension Scheme formula[/caption]

कितने पेंशनभोगियों को मिल रही है कितनी पेंशन?

श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) द्वारा संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक –

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  • कुल 81,48,490 पेंशनभोगियों (EPS Pensioners) में से 49,15,416 को 1500 रुपये से भी कम मासिक पेंशन मिल रही है।
  • सिर्फ 53,541 लोगों (0.65%) को 6000 रुपये से अधिक पेंशन मिल रही है।
  • करीब 80,94,949 पेंशनर्स को 6000 रुपये से कम पेंशन मिल रही है।
  • मार्च 2025 तक का डेटा यही बताता है कि हर दूसरा पेंशनभोगी सिर्फ 1500 रुपये से कम पर गुजारा कर रहा है।

क्या बढ़ेगी न्यूनतम पेंशन?

मौजूदा समय में EPS-95 के तहत Minimum Pension मात्र ₹1,000 प्रति माह है। लेकिन EPFO News Reports के मुताबिक, इसे बढ़ाकर ₹7,500 से ₹9,000 करने पर चर्चा चल रही है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो लगभग 78 लाख पेंशनर्स को राहत (Relief to Pensioners) मिलेगी।

सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों की पेंशन में क्या है फर्क?

सरकारी कर्मचारियों (Government Pension Scheme) को रिटायरमेंट के बाद नियमित और पर्याप्त पेंशन मिलती है, लेकिन प्राइवेट सेक्टर (Private Sector Employees) के कर्मचारियों को EPS-95 की सीमाओं के कारण बेहद कम पेंशन मिलती है। यही कारण है कि प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारी अक्सर पेंशन को लेकर चिंतित रहते हैं।

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ट्रेड यूनियनों की मांग और सरकार की तैयारी

ट्रेड यूनियनों (Trade Unions Demand) ने न्यूनतम पेंशन को ₹9,000 करने की मांग की है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, EPFO ने इस प्रस्ताव पर पूरी तैयारी कर ली है और जल्द ही सरकार इस पर फैसला ले सकती है। अगर यह लागू होता है तो पेंशनधारियों को महंगाई भत्ता (DA on Pension) का भी लाभ मिल सकता है।

स्पष्ट है कि EPS-95 (Employees Pension Scheme 1995) के तहत मौजूदा पेंशन बेहद कम है। लेकिन अगर सरकार न्यूनतम पेंशन को 7500 या 9000 रुपये करने का फैसला करती है तो यह प्राइवेट एम्प्लॉय के लिए बड़ा राहत भरा कदम साबित होगा।

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