EPFO इस डिजिटलाइजेशन के दौर में डिजिटल फ्रॉड एक बहुत बड़ी समस्या है। ऐसे में कर्मचारियों को अपने भविष्य निधि खातों में जमा रकम को भी सुरक्षित रखने के लिए कुछ आम बतों का ध्यान रखना जरूरी हो जता है। वैसे तो ईफीएफ में जमा रकम सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन कई बार कर्मचारियों की गलतियां ही उनपर भारी पड़ जाती हैं। ऐसे में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारी भविष्य निधि खातों के साथ इंटरनेट धोखाधड़ी के संभावित जोखिमों के बारे में चेतावनी जारी की है। ईपीएफओ ने अपने ग्राहकों को अपने खातों की सुरक्षा के लिए कुछ कदम उठाने का सुझाव दिया है, साथ ही उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी गतिविधि पर नजर रखने की चेतावनी भी दी है।
इस तरह बच सकते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी से
ईपीएफ से जुड़े ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए कर्मचारियों के चाहिए कि वे अपनी संवेदनशील जानकारी किसी से भी साझा न करें। किसी फोन काल या एसएमएस से माध्यम से भी यदि कोई ईपीएफओ का नाम लेते हुए कर्मचारियों से उनके ईपीएफ खाते के संबंध में जानकारी मांगता है तो ऐसे में जानकारी साझा करने से बचना चाहिए। कर्मचारियों को चाहिए कि वे फोन, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर आधार, पैन, यूएएन, बैंक खाता या ओटीपी जैसी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। ऐसा करने पर उनके पीएफ की राशि खतरे में पड़ सकती है। आप ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हो सकता हैं।
यह भी करें
ईपीएफ से संबंधित धोखाधड़ी से बचने के लिए कर्मचारी अपने यूएएन खाते के पासवर्ट को भी किसी से साझा न करें। साथ ही ई केवाईसी जूरूर कर लें। ईपीएफ द्वारा इसके लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान की गई है। ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाकर ईपीएफ से जुड़े कर्मचारियों के लिए यूएनएन लागिन का उपयोग करते हुए ई-केवाईसी अपडेट करनी चाहिए। ऐसा करने से किसी भी प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड से बचा जा सकता है।