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बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के विरोध में इंजीनियर तीन फरवरी को करेंगे प्रदर्शन

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Bhasha
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नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण किये जाने के विरोध में तीन फरवरी को देशभर में बिजली क्षेत्र के इंजीनियर सांकेतिक रूप से कामकाज का बहिष्कार करेंगे। विद्युत इंजीनियरों के अखिल भारतीय महासंघ (एआईपीईएफ) ने सोमवार को यह जानकारी दी।

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एआईपीईएफ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘भारत सरकार की निजीकरण की नीति के खिलाफ देशभर के बिजली क्षेत्र के इंजीनियर तीन फरवरी को कामकाज का सांकेतिक बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन बैठकों का आयोजन करेंगे।’’

एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेनद्र दुबे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे पत्र में कहा है कि बिजली इंजीनियर और इंजीनियर केन्द्र सरकार के बिजली क्षेत्र के निजीकरण की पहल को लेकर दुखी हैं। सरकार विद्युत (संशोधन) विघेयक, 2020, और बिजली वितरण कारोबार के पूर्ण निजीकरण के लिये मानक बोली दस्तावेज के जरिये इस दिशा में आगे बढ़ रही है।

बिजली क्षेत्र के इंजीनियर विद्युत क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के एकाधिकार के स्थान पर निजी क्षेत्र के बढ़ते एकाधिकार का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि निजीकरण की नीति से पूरे देश में धीरे धीरे सार्वजनिक क्षेत्र को समाप्त किया जा रहा है और दूसरी तरफ कुछ गिने चुने उद्योगपतियों को ही फायदा पहुंचाया जा रहा है।

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दुबे ने कहा कि वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन की मुख्य वजह भी यही है। निजीकरण और चुनींदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाये जाने के सरकार की मंशा को लेकर ही यह आंदोलन शुरू हुआ है। किसानों ने भी विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को वापस लेने की मांग की है।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

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