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Engineers Day 2025 MP CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश में इंजीनियरों को तकनीकी रूप से और अधिक दक्ष बनाने के लिए राज्य सरकार एक विशेष इंजीनियरिंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (Engineering Training and Research Institute) की स्थापना करने जा रही है। इसकी औपचारिक घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंजीनियर डे के अवसर पर की।
सोमवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (Kushabhau Thackeray International Convention Center) में आयोजित एक भव्य समारोह में सीएम ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा CM ने की।
इंजीनियर: नवाचार और निर्माण की नींव
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अभियंता सिर्फ तकनीकी विशेषज्ञ नहीं होते, बल्कि वे विकास के आरंभकर्ता होते हैं। उन्होंने कहा, “वैज्ञानिक अनुसंधान करते हैं, लेकिन उसे आम जनता तक पहुंचाने का काम इंजीनियर करते हैं।”
सीएम ने यह भी जोड़ा कि कोरोना काल में "नमस्कार" जैसे भारतीय मूल्यों की वैश्विक स्वीकृति देखी गई, और अब समय आ गया है जब भारतीय डिजाइनों और तकनीकों को भी विश्व मान्यता दी जाए।
उन्होंने संसद भवन की पुरानी और नई डिजाइन का उदाहरण देते हुए कहा कि यह प्रेरणा मितावली और बीजा मंडल जैसे भारतीय स्थापत्य स्थलों से मिली है। उन्होंने अभियंताओं की भूमिका को रचनात्मक सृजनकर्ता बताते हुए कहा कि "आज के युग में सृजन से सबसे गहराई से कोई जुड़ा है तो वह अभियंता ही है।"
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में मप्र बना रोल मॉडल
देश की कई अन्य सरकारें मध्य प्रदेश के कार्य मॉडल को अपना रही हैं। उन्होंने कहा कि अब वो समय गया जब ऐतिहासिक इमारतें बनती थीं तो उनके निर्माणकर्ताओं को दंडित किया जाता था, आज तो लोग ऐसे कार्यों के ठेके लेने के लिए लाइन में लगे होते हैं।
उन्होंने इंजीनियरों की प्रशंसा करते हुए कहा कि “आप लोग बजरंगबली से कम नहीं हैं, जो बुद्धि और परिश्रम से रास्ते बनाते हैं। चिनाव जैसे ब्रिज और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल आज आपके कौशल का उदाहरण है।”
तकनीकी दक्षता के लिए होगा इंस्टीट्यूट
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ईको-फ्रेंडली और टिकाऊ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता पर समझौता नहीं होगा — जहां आवश्यक होगा, वहां ठेकेदारों पर दंड भी लगाया जाएगा, लेकिन साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया जाएगा।
उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में बनने वाला इंजीनियरिंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट न केवल प्रदेश के अभियंताओं को प्रशिक्षण देगा, बल्कि देशभर से आने वाले इंजीनियरों के लिए भी केंद्र बनेगा।
नई तकनीकों और डिजिटल समाधानों की शुरुआत
इस अवसर पर लोक निर्माण प्रबंधन प्रणाली और लोक ट्रेनिंग मोबाइल एप का भी शुभारंभ किया गया।
लोक ट्रेनिंग ऐप की मदद से इंजीनियर अब कुछ ही मिनटों में GIS मैपिंग कर सकेंगे।
गति शक्ति पोर्टल के जरिए विभाग की सभी संपत्तियों की जानकारी डिजिटल रूप से उपलब्ध होगी।
दो नवीन ऐप्स, जो भास्कराचार्य नेशनल इंस्टिट्यूट की मदद से तैयार हुए हैं, जल्द लॉन्च किए जाएंगे, जिससे डेटा प्लानिंग और प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग और भी सरल हो जाएगी।
‘आप पुल नहीं, भावनाएं जोड़ते हैं’
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने कहा कि अभियंता केवल पुल या सड़क नहीं बनाते, बल्कि वे गांव-गांव को जोड़ते हैं — भावनात्मक और सामाजिक रूप से भी। उन्होंने कहा कि आज देश के डिजिटल, रेलवे, पोर्ट और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर में जो तरक्की दिख रही है, उसमें अभियंताओं की मेहनत सबसे अहम है।
ये हुए सम्मानित
इंजीनियर डे के मौके पर सरकार ने विश्वेश्वरैया पुरस्कार और विश्वकर्मा पुरस्कार प्रदान कर विभिन्न अभियंताओं और ठेकेदारों के उत्कृष्ट कार्यों को सम्मानित किया।
विश्वेश्वरैया पुरस्कार विजेता:
सुनील कौरव – मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी, बुधनी
प्रीति यादव, प्रमेश कोरी – सहायक यंत्री, जबलपुर
संजीव कालरा – सहायक अभियंता (बिल्डिंग), रीवा
भुवना जोशी – SDO, सेतु संभाग, शिवपुरी
राजीव श्रीवास्तव – जीएम, MPRDC, ग्वालियर
दीपक शर्मा – सहायक महाप्रबंधक, उज्जैन
विक्रम सोनी – उप महाप्रबंधक (बिल्डिंग)
विश्वकर्मा पुरस्कार विजेता:
NCC लिमिटेड, हैदराबाद
नाविक कंस्ट्रक्शन, भोपाल
आर.के. जैन इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्वालियर
हरगोविंद गुप्ता, नौगांव (छतरपुर)
रानी दुर्गावती पर्यावरण पुरस्कार:
दीपक पांडे, प्रबंधक पर्यावरण, भोपाल
नया मध्य प्रदेश: अभियंता बनाएंगे विकास की रीढ़
कार्यक्रम के अंत में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि जब अभियंता तकनीकी दक्षता, पारदर्शिता और नवाचार को अपनाएंगे, तब जाकर नए मध्य प्रदेश की सशक्त नींव तैयार होगी।
यह विभाग केवल निर्माण कार्यों का नहीं, बल्कि भविष्य के मध्य प्रदेश को आकार देने का दायित्व संभाले हुए है — और इसकी रीढ़ हमारे अभियंता ही हैं।
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