तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार ने बुधवार को मृतक आश्रित योजना (डाइंग इन हार्नेस स्कीम) के तहत नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के अन्य आश्रितों की देखभाल नहीं करने की स्थिति में सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया।
फैसला मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में में लिया गया
यह फैसला मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। मंत्रिमंडल ने कहा कि इस योजना के तहत नौकरी प्राप्त करने वाले कर्मचारी मृतक के अन्य आश्रितों की सुरक्षा एवं आवश्यकताओं के लिए उत्तरदायी हैं।
मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि अगर ऐसे कर्मचारी अन्य आश्रितों को सुरक्षा नहीं देते हैं तो उनके मासिक मूल वेतन में 25 प्रतिशत कटौती की जाए और यह राशि अन्य पात्र आश्रितों को दी जाए।
25 प्रतिशत राशि कटाकर अन्य आश्रितों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी
अगर कोई व्यक्ति मृतक आश्रित योजना के तहत नौकरी पाता है और अन्य आश्रितों को भोजन, आश्रय, उपचार और देखभाल संबंधी सुविधाएं नहीं देता है तो ऐसे कर्मचारी के विरुद्ध नियुक्ति प्राधिकरण में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। अगर कर्मचारी के खिलाफ दर्ज शिकायत सही पाई जाती है तो उसके मूल वेतन में 25 प्रतिशत राशि कटाकर अन्य आश्रितों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी।
सरकार के फैसले के मुताबिक, अगर ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ मिली शिकायतें सही साबित हुईं तो उनके मूल वेतन का 25 फीसदी मासिक जब्त कर उनके आश्रितों के बैंक खातों में जमा कर दिया जाएगा। आश्रितों की शिकायत की जांच संबंधित तहसीलदार से कराई जाएगी।
सीएमओ की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि तहसीलदार की जांच से असंतुष्ट कर्मचारी तीन महीने के भीतर जिला कलेक्टर के पास अपील कर सकते हैं और जिला कलेक्टर द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम होगा। हालाँकि, इसमें कहा गया है कि यदि आश्रित पारिवारिक पेंशन के हकदार हैं तो वे सुरक्षा के हकदार नहीं हैं।
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