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Emami पर 15 लाख का जुर्माना: 3 हफ्ते Fare And Handsome Cream इस्तेमाल के बाद भी गोरा नहीं होने पर 11 साल बाद मिला मुआवजा

Emami Ltd Vs Delhi Consumer Forum; एक जिला उपभोक्ता फोरम ने Emami पर 15 लाख का जुर्माना ठोका है। यह फैसला वर्ष 2013 में की गई एक शिकायत पर सुनाया गया है।

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Rahul Sharma
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Emami Fairness Cream Misleading Ads: एक जिला उपभोक्ता फोरम ने Emami पर 15 लाख का जुर्माना ठोका है। यह फैसला वर्ष 2013 में की गई एक शिकायत पर सुनाया गया है।

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विज्ञापन में Emami Fare And Handsome Cream का इस्तेमाल करने पर गोरा और फेयर स्किन का दावा किया गया था। विज्ञापन से प्रभावित होकर एक व्यक्ति ने 79 रुपये में क्रीम खरीदी।

3 हफ्ते तक नियमित रूप से इमामी फेयर एंड हैंडसम क्रीम का इस्तेमाल किया, लेकिन परिणाम दावे के अनुरुप नहीं मिले। जिसके बाद व्यक्ति ने उपभोक्ता फोरम में इसकी शिकायत की थी।

शिकायतकर्ता को मिलेंगे 50 हजार रुपये

दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने पर्सनल केयर कंपनी Emami Ltd को भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए राज्य उपभोक्ता कल्याण निधि के बैंक खाते में 14.5 लाख रुपये का दंडात्मक हर्जाना जमा करने और उत्तर-पश्चिम दिल्ली के रोहिणी निवासी निखिल जैन को 50,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, जिन्होंने क्रीम खरीदी थी और कोलकाता मुख्यालय वाली सौंदर्य और कल्याण कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

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उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज

निखिल जैन ने 2013 में जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने कंपनी की 'फेयर एंड हैंडसम क्रीम' का इस्तेमाल किया था, जिसका विज्ञापन तीन सप्ताह में यूजर्स को गोरी त्वचा प्रदान करने के लिए किया गया था।

उन्होंने कहा कि उत्पाद दोषपूर्ण था क्योंकि पैकेज पर कंपनी के निर्देशों के अनुसार इसका उपयोग करने के बावजूद उनकी त्वचा गोरी नहीं हुई।

कंपनी ने ये दिया था तर्क

सुनवाई के दौरान कंपनी ने अपने प्रोडक्ट का बचाव करते हुए कहा कि यह वैज्ञानिक रूप से परखा गया है और इसे 16 से 35 साल की आयु के पुरुषों को यूवी किरणों के कारण होने वाली स्किन के कालेपन से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है।

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इसलिए कंपनी पर लगा जुर्माना

बता दें कि निखिल जैन ने वर्ष 2012 में 79 रुपये में Emami Fare And Handsome क्रीम खरीदी थी। जिस समय उन्होंने ये क्रीम खरीदी उस दौरान कंपनी प्रोडक्ट में एक क्लॉज देना भूल गई, जिस आधार पर शिकायकर्ता के पक्ष में फैसला आया।

2012 में क्रीम पर पर्सनल केयर प्रोडक्ट से लाभ उत्पाद के उचित उपयोग और उचित पौष्टिक आहार, व्यायाम, स्वस्थ आदतें, स्वच्छ रहने की स्थिति आदि जैसे कई अन्य फैक्टर्स पर निर्भर करता है...जैसा कोई निर्देश और शर्त नहीं रखी गई थी।

कंपनी ने फैसले को दी थी चुनौती

यह पहली बार नहीं था जब इस मामले की सुनवाई हुई। इससे पहले आयोग की पिछली पीठ ने अक्टूबर 2015 में जैन के पक्ष में फैसला सुनाया था।

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हालांकि, इमामी ने राज्य उपभोक्ता आयोग में फैसले को चुनौती दी, जिसने बाद में अतिरिक्त सबूतों के साथ नए सिरे से निर्णय के लिए मामले को जिला आयोग को वापस भेज दिया।

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आयोग ने यह सुनाया फैसला

केंद्रीय जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष इंदर जीत सिंह और सदस्य रश्मि बंसल की पीठ ने 9 दिसंबर के अपने आदेश में कहा, "फेयर एंड हैंडसम क्रीम की पैकेजिंग और लेबलिंग पर बहुत कम, नगण्य और सीमित निर्देश हैं कि इसके तीन सप्ताह तक नियमित उपयोग से पुरुषों की त्वचा में गोरापन आएगा।

उल्लिखित निर्देश अधूरे निर्देश हैं और अन्य आवश्यकताओं का पालन न करने के कारण, यह दावा किए गए परिणाम नहीं देगा।" पीठ ने जोर देकर कहा कि एक औसत उपभोक्ता को यह विश्वास दिलाकर गुमराह किया जा सकता है कि दिए गए निर्देशों का पालन करने से वादा किए गए परिणाम प्राप्त होंगे।

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