हाइलाइट्स
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प्रदेश में 500 स्टील इंडस्ट्री बंद होंगी
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150 मिनी प्लांट आज रात से होंगे बंद
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बिजली दर बढ़ने से आई बड़ी समस्या
Chhattisgarh Steel Industry News: छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी इंडस्ट्री स्टील की है। जहां सबसे ज्यादा स्टील प्लांट हैं। यहीं से प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व भी मिलता है और प्रदेश के लोगों को रोजगार मिलता है।
अब प्रदेश में लगभग 500 इंडस्ट्री बंद होने की कगार पर है। इसकी शुरुआत आज रात से ही हो जाएगी।
आज 29 जुलाई 2024 को प्रदेश के लगभग 150 मिनी स्टील प्लांट (Chhattisgarh Steel Industry News) और 50 अन्य स्पंज आयरन प्लांट बंद हो जाएंगे। इन प्लांटों के बंद होने की जो वजह सामने आई है, उसमें सबसे बड़ी समस्या प्रदेश में बढ़ी बिजली की दर है। बिजली की दर बढ़ने से स्टील उद्योग घाटे में चल रहा है। इससे उद्योग संचालक (Chhattisgarh Sponge Iron Manufacturing Association Protest) अपने प्लांट बंद कर रहे हैं।
बिजली दर बढ़ी उद्योग चलाना मुश्किल
जानकारी मिली है कि प्रदेश में आज 150 मिनी स्टील प्लांट और 50 स्पंज आयरन प्लांट (Chhattisgarh Steel Industry News) बंद हो जाएंगे। इसकी वजह बढ़ी हुई बिजली दर है। बढ़े हुए टैरिफ के विरोध में कारोबारियों (Chhattisgarh Sponge Iron Manufacturing Association Protest) ने ये बड़ा कदम उठाया है। इस उद्योग से जुड़े लोग बताते हैं कि बिजली दरें बढ़ा दी गई है, इसकी वजह से उद्योग को चलाना मुश्किल है। इसके कारण व्यापार बंद करने का निर्णय लिया है।
150 फैक्ट्री अनिश्चितकाल के लिए बंद
कारोबारियों से जानकारी मिली है कि आज रात को जो 150 मिनी स्टील फैक्ट्री बंद (Chhattisgarh Steel Industry News) की जा रही है, यह अनिश्चितकाल के लिए बंद की जा रही है। सरकार से इन्हें जब रात मिलेगी, तभी इन्हें फिर से शुरू किया जा सकेगा।
इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने एक मीडिया हाउस को जानकारी दी कि कारोबारियों (Chhattisgarh Sponge Iron Manufacturing Association Protest) की मांग के संबंध में सूचना मिली है। इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है, इस मामले में वही अंतिम निर्णय लेंगे।
मिनी स्टील प्लांट में ये बनता है
कारोबारियों के अनुसार मिनी स्टील प्लांट (Chhattisgarh Steel Industry News) में स्पंज आयरन से रॉ मटेरियल तैयार होता है। इसी से टीएमटी, रॉड और स्टील बनता है। मिनी स्टील प्लांट में स्पंज आयरन से बिलेट बनते हैं।
इसके बाद मकान निर्माण के लिए सरिया, बिजली के खंभे, जैसे प्रोडक्ट तैयार होते हैं। ये उद्योग तीन कड़ियों में चलता है। इसमें पहले कुछ प्लांट स्पंज आयरन तैयार करते हैं, स्पंज आयरन से बिलेट बनाते हैं, जो कि मिनी स्टील प्लांट में तैयार किए जाते हैं। इसके बाद फिर स्टील प्लांट में लोहे के फाइनल प्रोडक्ट बनकर तैयार होता है।
2 लाख लोगों के रोजगार पर असर
150 मिनी स्टील प्लांट (Chhattisgarh Steel Industry News) बंद होने से यहां काम करने वाले लगभग 2 लाख कर्मचारियों के जीवन पर असर पड़ेगा। इन इंडस्ट्रीज में लगभग डेढ़ लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़कर काम करते हैं।
जो ट्रांसपोटेशन और दूसरे कामों को कर रहे हैं। उन पर भी इसका प्रभाव रहेगा। वहीं रोज तीन सौ से चार सौ रुपए प्रतिदिन मजदूरी कर कमाने वालों के लिए दो वक्ती की रोटी का संकट खड़ा हो सकता है।
इस वजह से बढ़ी समस्या
बता दें कि प्रदेश में बिजली की दरों में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में मिली स्टील प्लांट (Chhattisgarh Steel Industry News) को लगभग 25 प्रतिशत बढ़ी बिजली दल से भुगतान देना पड़ रहा है। इससे प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ी है।
स्टील उद्योग में में सबसे अधिक बिजली खपत मिनी स्टील प्लांट में ही होती है। इसको लेकर फैक्ट्री मालिकों ने बताया कि बिजली की दर बढ़ने से इंडस्ट्री से खर्चों को निकाल पाना अब संभव नहीं हो पा रहा है।
छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चर एसोसिएशन (Chhattisgarh Sponge Iron Manufacturing Association Protest) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नचरानी ने जानकारी दी कि पिछले 20 सालों में ऐसी कभी नौवत नहीं आई कि हमें उद्योग बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हो।
इस उद्योग का लाखो रोजगार पर प्रभाव
मैन्युफैक्चरर्स (Chhattisgarh Steel Industry News) एसोसिएशन (Manufacturers Association Protest) के अनुसार प्रदेश में 800 से ज्यादा स्टील प्लांट है। ओडिशा राज्य के बाद देश में दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक स्टेट छत्तीसगढ़ है।
प्रदेश में बनने वाले स्टील का 15% यहां खपत होता है और 85% राज्य के बाहर बेचा जा रहा है। प्रदेश का यह उद्योग हर साल सरकार को दस हजार करोड रुपए जीएसटी और करीब पांच हजार करोड़ रुपए की रॉयल्टी सरकार को देता है।
इस पूरे उद्योग से प्रदेश में करीब पांच लाख लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। इसके अलावा करीब 7 लाख लोग इसकी मार्केटिंग और दूसरे कामों से जुड़कर रोजगार कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
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500 स्टील इंडस्ट्रीज भी होगी बंद
देशभर में अपनी स्टील इंडस्ट्रीज़ (Chhattisgarh Steel Industry News) के लिए मशहूर रहे छत्तीसगढ़ में अब स्टील इंडस्ट्रीज़ दिक्कत में है। सूबे में कम से कम 500 इंडस्ट्रीज़ को बंद किया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ (Manufacturers Association Protest) देश के बड़े बिजली उत्पादक राज्यों में से है, लेकिन महंगी होती बिजली के खिलाफ स्टील उद्योग से जुड़े लोग एकजुट (Manufacturers Association Protest) हो गए हैं। स्टील इंडस्ट्रीज़ के कई कारोबारियों ने सरकार से बिजली के दामों में कटौती की मांग की है, लेकिन बिजली दरों में राहत न मिलने से ये कारोबारी अब अपने उद्योग को बंद करने की तैयारी में है।
29 जुलाई की रात से CSPDCL बेस्ड लगभग 200 उद्योग बंद कर दिए जाएंगे। इनमें 150 मिनी स्टील प्लांट और स्पंज आयरन प्लांट शामिल हैं। उद्योगपतियों को 4000 रुपए टन का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
करोड़ों का हो रहा नुकसान
छत्तीसगढ़ में 800 से ज्यादा स्टील उद्योग (Chhattisgarh Steel Industry News) हैं, पहले चरण में 200 स्टील उद्योगों को बंद करने की तैयारी है की जा रही है। CSPDCL की 60% बिजली उद्योग खरीदते हैं।
उद्योगों को 25 लाख से लेकर 2.5 करोड़ तक का ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। उद्योगपतियों (Manufacturers Association Protest) को 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का घाटा हो चुका है। इसी के चलते कारोबारियों ने प्लांट बंद करने का निर्णय लिया है।