जबलपुर। प्रदेश में कोरोना के कहर के बाद मंहगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। अब रोजमर्रा के काम में आने वाली चीजों की कीमत आसमान छू रही है। वहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी आम आदमी की कमर तोड़ रही हैं। मंहगाई के इस प्रचंड दौर में आम आदमी के ऊपर बिजली का बोझ भी बढ़ सकता है। प्रदेश में अब बिजली की दरों में 6.25 फीसदी तक बृद्धि हो सकती है। दरअसल जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur highcourt) ने साल 2021-22 में बिजली की दर तय करने लगाई हुई रोक हटा दी है। साथ ही हाईकोर्ट ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया है जिस पर सुनवाई के बाद बिजली की दरें तय करने पर रोक लगाई गई थी।
दरअसल प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के वकील निर्मल लोहिया ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया था कि राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली के दाम बढ़ाने के खिलाफ याचिकाकर्ता की आपत्ति पर सुनवाई नहीं की है। इसी मामले पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने विद्युत नियामक आयोग को साल 2021-22 का टैरिफ आदेश सुनाने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से बिजली दरों में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। अब कोर्ट के आदेशों के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि प्रदेश में बिजली के दाम 6.25 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं।
लगातार बढ़ रही मंहगाई…
बता दें कि प्रदेश समेत पूरे देश में मंहगाई अपने चरम पर है। जहां कोरोना महामारी के भीषण दौर में आम आदमी के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। वहीं मंहगाई ने भी आम आदमी की कमर तोड़ दी है। प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दाम भी आसमान छू रहे हैं। साथ ही दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं के दाम भी आसमान छू रहे हैं। कोरोना महामारी के इस प्रचंड दौर में बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी होने के बाद आम आदमी का जीवन अवश्य प्रभावित होगा।