शिवपुरी। ग्वालियर-चंबल की सबसे चर्चित सीट शिवपुरी विधानसभा पर कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह चुनाव हार गए हैं। वे पिछले 30 साल से लगातार पिछोर से चुनाव जीतते रहे हैं। पिछोर विधानसभा की काउंटिगं के बाद राजनैतिक गालियारों में ये चर्चाएं जोर-शोर से हो रही हैं कि आखिर 6 बार के विधायक केपी सिंह आखिर चुनाव कैसे हार गए।
कांग्रेस के इस दिग्गज की हार का प्रण पूरा होने पर बुजुर्ग ने कराया मुंडन | KP Singh
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केपी सिंह की हार के बाद पिछोर के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपना संकल्प पूरा करने के लिए सिर मुड़वाया है।
बुजुर्ग ने लिया था संकल्प
दरअसल, पिछोर में ही रहने वाले गोविंद जिनकी अब उम्र करीब 60 साल से अधिक हो चुकी है। वो बताते है कि साल 2008 में उनके भाई का एक्सीटेंड हुआ था, गोविंद मदद की आश लगाए तत्कालीन विधायक केपी सिंह से मिलने गए थे।
लेकिन केपी सिंह ने बिना कोई मदद किए उल्टा उनका अपमानित किया। इस घटना के बाद गोविंद ने 15 साल पहले ही ये प्रण कर लिया था कि जब भी केपी सिंह हारेगें उसी दिन में अपना सिर मुडवाएंगे। बुजुर्ग ने बताया कि उनका आज ये प्रण पूरा हो गया।
इस शिवपुरी से चुनाव लड़े थे केपी सिंह
बता दें चुनाव से पहले बीजेपी से कांग्रेस शामिल हुए कोलारस के पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी शिवपुरी से तैयारी कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने पिछोर से 6 बार के विधायक रहे केपी सिंह को शिवपुरी से अपना उम्मीदवार घोषित किया था।
देवेंद्र जैन ने 43 हजार वोटों से हराया
कहा जाता है कि केपी सिंह के समर्थक सीट बदलने के लिए दिल्ली तक गए लेकिन सीट नहीं बदली। तमाम घटनाक्रम के बाद जब चुनाव परिणाम आया तो कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह भाजपा के देवेंद्र जैन से करीब 43 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गए। जिससे देवेंद्र जैन की जीत से ज्यादा चर्चाएं केपीसिंह की हार की चल रहीं हैं।
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