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'आचार्य श्री ने कई वैचारिक क्रांतियां की'
शिक्षक सन्दर्भ समूह के संस्थापक डॉ दामोदर जैन ने बताया कि भारतीय संस्कृति और भाषाओं के प्रबल संरक्षक, आचार्य विद्यासागर जी, 18 फरवीर 2024 से हमारे बीच न हों लेकिन उनके विचार, भाव, भाषा और अनुभूतियां सदैव हमारे पास हैं। उन्होंने भारतीय भाषाओं के संरक्षण और प्रचार के लिए जागरूकता फैलाते हुए कई वैचारिक क्रांतियां की हैं।
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आचार्य के उपदेशों पर आधारित होगा ज्ञान महाकुंभ
शिक्षक सन्दर्भ समूह अब मैकाले की नीति के 190 साल बाद "ज्ञान महाकुंभ" का आयोजन किया जा रहा है। 1 फरवरी 2025 को प्रयागराज में "ज्ञान महाकुंभ" का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन भारतीय शिक्षा पद्धति के पुनरुत्थान और मातृभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित होगा। साथ ही आचार्य श्री के उपदेशों पर आधारित शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, भारतीय शिक्षकों और समाज को जोड़कर भारतीय भाषाओं और संस्कृति के उत्थान के लिए कार्यरत है।
आचार्य ने लार्ड मैकाले की नीति को बताया था देश के लिए तबाही
डॉ दामोदर जैन ने बताया कि आचार्य श्री ने नेमावर में 1997 के प्रवचन में कहा था कि भारत प्राचीन काल से जगत गुरु रहा है। यहां 7,32,000 गुरुकुल और 500 से अधिक विश्वविद्यालय थे। भारत की शिक्षा और वास्तु कला विश्वविख्यात थी। उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा 2 फरवरी 1835 में लागू मैकाले की शिक्षा प्रणाली को भारत की तबाही का कारण बताया था।
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उन्होंने स्पष्ट कहा कि "इंडिया" का मतलब दास है, और भारत को "भारत" के रूप में ही पहचाना जाना चाहिए। उनका मानना था कि यह नाम परिवर्तन हमारे गुलामी के मानसिकता से मुक्ति की दिशा में पहला कदम होगा।
आचार्य श्री के भाषा और संस्कृति पर विचार
- राष्ट्रीय भाषा हिंदी हो.
- देश का नाम इंडिया नहीं, भारत हो.
- भारत में भारतीय शिक्षा पद्धति लागू हो.
- अंग्रेजी में नहीं, भारतीय भाषाओं में सरकारी और न्यायिक कार्य हो.
- छात्र - छात्राओं की शिक्षा पृथक पृथक हो.
- भारतीय प्रतिभाओं का पलायन रोका जाए.
- शत प्रतिशत मतदान हो.
- शिक्षा के क्षेत्र में योग्यता की रक्षा हो.
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आचार्य श्री के आर्थिक और सामाजिक विचार
- नौकरी के बजाय स्व-व्यवसाय को अपनाएं युवा।
- चिकित्सा को व्यवसाय नहीं, सेवा मानें।
- अहिंसात्मक कुटीर उद्योग को बढ़ावा।
- खेती-बाड़ी को देश का आर्थिक आधार बनाएं।
- खादी और हथकरघा रोजगार को प्रोत्साहन।
- गौशालाओं को "जीवित कारखाना" मानकर प्रोत्साहित करें।
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