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Harda Blast Sound Wave: पटाखा फैक्ट्री वाली जगह से 2KM दूर कैसे दीवार हुई क्रेक-गिरी बाईक, जानें ब्लास्ट का साउंड वेव से कनेक्शन!

Harda Blast Sound Wave: हरदा में हादसे वाली जगह से दूर कैसे पड़ा असर, साउंड वेव इसके लिये कितनी जिम्मेदार हो सकती है।

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Rahul Sharma
Harda Blast Sound Wave: पटाखा फैक्ट्री वाली जगह से 2KM दूर कैसे दीवार हुई क्रेक-गिरी बाईक, जानें ब्लास्ट का साउंड वेव से कनेक्शन!

Harda Blast Sound Wave: मध्य प्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री में 6 फरवरी 2024 को हुए ब्लास्ट से कई जानें गई। ब्लास्ट वाली जगह से दो किमी दूर तक दीवार और कांच क्रेक हो गए। तो वहीं ब्लास्ट वाली जगह से 100 से 200 मीटर दूरी पर खड़ी बाइक स्वयं ही गिर गई। आखिर ऐसे कैसे हुआ। आइये आपको बताते हैं कि ब्लास्ट का साउंड वेव (Harda Blast Sound Wave) से क्या कनेक्शन है।

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   150 डेसीबल होती है पटाखों की आवाज

एक पटाखे को फोड़ने पर 150 डेसीबल की आवाज होती है। हरदा पटाखा फैक्ट्री में बहुत अधिक मात्रा में बारूद रखा था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां ब्लास्ट की तीव्रता कितनी अधिक होगी। एक अनुमान के मुताबिक 100 टन टीएनटी बम धमाके जितना बड़ा ये विस्फोट हो सकता है।

   धमाके की डेंसिटी इजराइल हमास में हुए विस्फोट जितनी!

हरदा हादसे में दो धमाके हुए। इनमें दूसरा विस्फोट अधिक​ बड़ा था। वैसे तो धमाके की डेंसिटी का पता रियल टाइम पर ही लगाया जा सकता है, लेकिन इजराइल—हमास युद्ध को कवर करने वाले एक पत्रकार के अनुसार हरदा की घटना में जो क्षति हुई उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि इजराइल हमास में हुए विस्फोट के बार ही इसकी डेंसिटी रही होगी।

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   इतनी तेज गति से चली होगी साउंड वेव

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान हुए एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार किसी विस्फोट से उत्पन्न होने वाली भूकंपीय और ध्वनि तरंगें (Harda Blast Sound Wave) सैकड़ों किलोमीटर तक फैल सकती हैं, जमीन में लगभग 8 किलोमीटर प्रति सेकंड और हवा में लगभग 0.34 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति तक जा सकती है। हरदा ब्लास्ट के बाद इतनी ही स्पीड से साउंस वेव (Harda Blast Sound Wave) चलने की संभावना है।

   स्पीड से चली साउंड वेव के पुश करने से प्रभावित हुए इलाके

बंसल न्यूज डिजिटल ने हरदा ब्लास्ट से दूर-दराज के इलाकों में पड़े प्रभाव को लेकर दिल्ली के एयर लैब के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. दीपांकर शाह से बात की। डॉ. शाह ने कहा कि ब्लास्ट के बाद जनरेट हुई साउंड वेव (Harda Blast Sound Wave) के असर को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि जितना अधिक बड़ा विस्फोट होगा उतने ही अधिक गति से साउंड वेव चलेगी जो आपको या किसी चीज को पुश करेगी। इसके अलावा ब्लास्ट से किसी भूकंप की तरह जमीन में कंपन भी बना। साउंड वेव (Harda Blast Sound Wave) के पुश करने और कंपन की वजह से खड़ी या चलती बाइक गिरी और वहीं ब्लास्ट की जगह से दूर कमजोर कांच और दीवारें क्रेक हुई।

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   क्या मौतों के पीछे साउंड वेव भी हो सकती है जिम्मेदार

ब्लास्ट के बाद बनी साउंड वेव से क्या मौत भी हो सकती है, इसे डॉ. दीपांकर शाह सीधे तौर पर नकारते हैं। डॉ. शाह के मुताबिक तीव्र साउंड वेव (Harda Blast Sound Wave) बॉडी को पुश कर सकती है, गिरने से घायल हो सकते हैं या गंभीर चोट लगने से मौत हो सकती है, लेकिन साउंड वेव (Harda Blast Sound Wave) की वजह से मौत नहीं हो सकती। डॉ. दीपांकर शाह ने बताया कि कई ऐसे शोध आ चुके हैं जिसमें यह बात स्पष्ट हो गई है कि पॉइजन से ज्यादा मौते शॉक की वजह से होती हैं। भोपाल के साइंटिस्ट आलोक सक्सेना भी इस बात को स्वीकारते हैं।

   120 डेसीबल को डेढ़ मिनट तक कर सकते हैं सहन

पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष सी. पाण्डेय ने बताया कि एक मनुष्य 120 डेसीबल को सिर्फ डेढ़ मिनट तक ही सहन कर सकता है। वहीं सुतली बम के धमाके की आवाज 150 डेसीबल तक होती है। यही कारण है कि कई प्रदेशों में इनके निर्माण, भण्डारण और बिक्री पर रोक है।

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